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144 साल पुरानी परंपरा के ल‌िए हर साल खर्च होते है 500 करोड़

दस्तक टाइम्स/एजेंसी:  darbar-move-564052a4c5437_exlstजम्मू कश्मीर में हर साल एक पंरपरा न‌िभाने के ल‌िए सरकार 500 करोड़ रुपए खर्च कर देती है। यह राश‌ि साल दर साल बढ़ती चली जा रही है। दरअसल जम्मू कश्मीर में साल में दो बार राजधानी पर‌िवर्तन क‌िया जाता है।

 

दरबार मूव परंपरा के तहत राज्य की राजधानी छह महीने जम्मू और छह महीने श्रीनगर रहती है। राज्य में 144 साल पुरानी दरबार मूव की परंपरा के तहत सोमावर को शीतकालीन राजधानी जम्मू में सचिवालय का गार्ड ऑफ ऑनर के साथ शुभारम्भ हुआ।

 

जम्मू कश्मीर देश का एक अकेला ऐसा राज्य है जिसका दो राजधान‌ियां है। गर्म‌ियों में सच‌िवालय श्रीनगर स्थानांतर‌ित कर द‌िया जाता है। जबक‌ि सर्द‌ियों में सच‌िवालय जम्मू में आ जाता है।

 

प‌िछले 144 सालों से राजधानी को हो हर साल इसी तरह पर‌िवर्त‌ित क‌िया जाता रहा है। इसमें सरकार को भारी भरकम राश‌ि को खर्च करना पड़ता है।
दरबार मूव के दौरान रिकार्ड तथा कर्मचारियों को लाने के लिए सकैंड़ो ट्रक और बसों का इंतजाम क‌िया जाता है। राजधानी का पर‌िवर्तन 1872 में डोगरा शासनकाल में राज्य की प्रार्कतिक एवं भौगोलिक परिस्थितियों के चलते इसे शुरु किया गया था।

 

डोगरा महाराजा गुलाब सिंह ने दरबार मूव की परंपरा की शुरुआत की थी। उस समय ये काम बैल गाड़ी और घोड़ा गाड़ी से होता था। उस समय दोनों जगह महाराजा का दरबार शिफ्ट होने के बाद एक बड़ा समारोह आयोजित किया जाता था।

 

कई बार इस पंरपरा को रोकने को ल‌िए व‌िरोध भी क‌िए जा चुके हैं। लेक‌िन इसको फ‌िलहाल सरकार रोकने के ल‌िए तैयार नहीं है। इसके पीछे उनका मकसद जम्मू और कश्मीर के लोगों के बीच आपसी भाईचारा व सौहार्द कायम करना है।

दुन‌िया भले ही इसे फ‌िजूल खर्च कहे ल‌ेक‌िन दरबार मूव की पंरपरा यहां के लोगों की ज‌िंदगी एक सबसे खास ह‌िस्सा बन चुकी है। दोनों ही शहर इस खास परंपरा के ल‌िए रह साल बड़े इंतजार में रहते हैं।

 

 

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