152 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन खरसावां आमदा में 500 बेड का हॉस्पिटल, निर्माण कार्य में तेजी लाने का मिला निर्देश
झारखंड: विधानसभा की प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण समिति ने शनिवार को सरायकेला-खरसावां का दौरा किया. समिति ने खरसावां के आमदा में निर्माणाधीन 500 बेड के हॉस्पिटल और सरायकेला ANM नर्सिंग हॉस्टल का जायजा लिया. समिति ने अधूरी पड़ी योजनाओं को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया. समिति में अध्यक्ष रामदास सोरेन, सदस्य खरसावां विधायक दशरथ गागराई, कांके विधायक समरी लाल, खिजरी विधायक राजेश कच्छप शामिल थे. साथ ही सदर एसडीओ रामकृष्ण कुमार, विभाग के अभियंता व विस के कर्मी भी मौजूद थे.
समिति ने आमदा में निर्माणाधीन 500 बेड के हॉस्पिटल का निरीक्षण कर निर्माण कार्य में हो रही देरी के संबंध में जानकारी ली. बताया गया कि दो साल में हॉस्पिटल का निर्माण कार्य पूर्ण करना था, लेकिन 11 साल में भी हॉस्पिटल बन नहीं पाया है. इसका कारण पूछा गया, तो कंस्ट्रक्शन कंपनी और इंजीनियर्स ने बताया गया कि निर्माण स्थल पर डुंगरी (छोटा पहाड़) होने के कारण उसे काट कर समतल बनाने में काफी समय लगा. इसके बाद निर्माण कार्य शुरू किया गया.
विधानसभा समिति ने हॉस्पिटल के निर्माण कार्य की धीमी गति पर नाराजगी जाहिर करते हुए निर्माण कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया गया. विधानसभा की प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण समिति के अध्यक्ष रामदास सोरेन ने कहा कि 2 साल में यह हॉस्पिटल पूरा होना था, लेकिन 11 साल बीत जाने के बाद भी यह अधूरा पड़ा है. रामदास सोरेन ने कहा कि विभागीय सचिव से इस संबंध में जानकारी ली जायेगी. इसके बाद सरकार को इसकी रिपोर्ट सौपेंगे. इस हॉस्पिटल के बनने से केवल सरायकेला-खरसावां जिले को ही नहीं, बल्कि कोल्हान को फायदा होगा. इसके बाद जिला के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. ध्यानाकर्षण का एक मामला ही लंबित पाया गया, जिसे प्रशासन को जल्द से जल्द निष्पादन को कहा गया.
बैठक के बाद घाटशिला विधायक व समिति के अध्यक्ष रामदास सोरेन ने कहा कि अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में सड़क, शौचालय, स्कूल-काॅलेज, हाॅस्पिटल के अधूरे पड़े निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया. निर्माणाधीन 500 बेड़ के हॉस्पिटल के पूर्व होने पर कोल्हान के तीनों जिलों को लाभ मिलेगा.
खरसावां के आमदा में निर्माणाधीन 500 बेड़ के हॉस्पिटल के शिलान्यास के करीब 11 साल बाद भी हॉस्पिटल का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया जा सका है. बताया गया कि हॉस्पिटल निर्माण के लिए 152 करोड़ रुपये के प्रशासनिक स्वीकृति मिली है. हॉस्पिटल निर्माण के लिए 152 करोड़ रुपये में से करीब 102 करोड़ की निकासी हो चुकी है और हॉस्पिटल का करीब 60 फीसदी काम हुआ है. निर्माणाधीन 500 बेड का हॉस्पिटल अगर समय रहते बन जाता, तो कोल्हान को कोरोना महामारी से निपटने में काफी सहूलियत मिलती.