17 जुलाई से बंद हो रहा है Yahoo Messenger, 2000 से शुरू हुए बूरे दिन
याहू अपने सालों पुराने Yahoo Messenger को आखारिकार 17 जुलाई से बंद कर रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक याहू यूजर्स को चैट हिस्ट्री डाउनलोड करने के लिए छह महीने का समय दिया जाएगा. याहू मैसेंजर ओपन करने पर यूजर्स को Squirrel वेबसाइट पर रिडायरेक्ट किया जाएगा. यानी आप याहू मैसेंजर ऐक्सेस करने के लिए यूआरएल डालेंगे तो स्क्वैरेल मैसेजिंग ऐप खुलेगा.
गौरतलब है कि याहू पिछले महीने से स्क्वैरेल का बीटा टेस्टिंग कर रही है और इसकी शुरुआत तब होगी जब याहू मैसेंजर आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया जाएगा. हालांकि अभी भी यूजर्स इसे ट्राई कर सकते हैं, इसके लिए बीटा ऐक्सेस चाहिए होगा और आपके रिक्वेस्ट करना होगा.
गौरतलब है कि याहु मैसेंजर 1998 में लॉन्च किया गया था और तब इसका नाम Yahoo Pager था. 21 जून 1999 को इसे याहू मैसेंजर के तौर पर इसे पेश किया गया. अब आखिरकार 17 जुलाई 2018 को इसे बंद करने का फैसला किया गया है. कंपनी ने मैसेंजर एप का नया वर्जन लॉन्च किया था जो सफल नहीं रहा.
1994 में शुरू की गई टेक्नॉलोजी कंपनी याहू एक वक्त में इंटरनेट का पर्याय थी, लेकिन इसके अमेरिका की टेलीकॉम कंपनी Verizon 4.8 बिलियन डॉलर में खरीद लिया था और अब याहू Verizon की ही सहायक कंपनी बन गई है.
साल 2000 से शुरू हुए बूरे दिन
एक वक्त में इंटरनेट का पर्याय रही Yahoo कंपनी 2000 में गूगल और फेसबुक जैसी टेक कंपनियों से पिछड़ती नजर आई. इसके सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म की हालत पहले से खराब हो गई और सर्च इंजन और ईमेल सर्विस में इसे गूगल ने मात दे दी. इसके बात इस कंपनी का पिछड़ने का दौर लगातार चलता रहा.
नई जान फूंकने के लिए 2012 में मरीसा मेयर को बनया गया सीईओ
कंपनी में एक बार फिर से नई जान फूंकने के लिए 2012 में गूगल की एग्जक्यूटिव रहीं मरीसा मेयर को इसका सीईओ बनाया गय. लेकिन फेसबुक और गूगल के पॉपुलैरिटी के आगे वो इस कंपनी को दुबारा से पटरी पर लाने में नाकामयाब ही रहीं. फिलहाल इंटरनेट और ऑनलाइन एडवर्टाइजिंग के मामले में गूगल और फेसबुक के मुकाबले याहू दूर दूर तक नहीं है. याहू का न्यूज कटेंट भी गूगल न्यूज के सामने फेल ही दिखा.