2 साल में तैयार की गई भगवा रंग के स्पेस सूट पहनकर अंतरिक्ष में जाएंगे भारतीय
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन(Isro) ने गुरुवार को एक विशेष स्पेस शूट का प्रदर्शन किया.
यह कोई आम स्पेस सूट नहीं है बल्कि इसे 2022 में भारत की जमीं से पहली बार अंतरिक्ष में जाने वाले यात्रियों द्वारा पहना जाएगा.
छठवें बेंगलुरु स्पेस एक्सपो में इस सूट का प्रदर्शन किया गया. यह सूट भगवे (नारंगी) रंग का है.
यह उस सूट का प्रोटोटाइप है जिसे इंडियन एस्ट्रोनॉट पहनेंगे. इस सूट को बनाने में 2 साल का समय लगा है.
इस सूट को तिरुवनन्तपुरम स्थित विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में तैयार किया गया है.
इस सूट में ऑक्सीजन सिलेंडर फिट किया जा सकता है, जिससे एस्ट्रोनॉट 60 मिनट तक सांस ले सकें
इसरो में अभी 2 सूट का निर्माण किया है. 1 सूट और तैयार किया जाएगा, क्योंकि 2022 में भारतीय स्पेसक्रॉफ्ट से 3 एस्ट्रोनॉट स्पेस में जाएंगे.
स्पेस रिसर्च बॉडी ने क्रू मॉडल और क्रू एस्केप मॉडल का भी प्रदर्शन किया. प्रोटोटाइप क्रू मॉडल को इसरो पहले ही टेस्ट कर चुका है
क्रू मॉडल कैप्सूल में 3 एस्ट्रोनॉट 5 से 7 दिन की यात्रा के लिए निकलेंगे. कैप्सूल में थर्मल शील्ड मौजूद है. साथ ही यह जलते हुए गोले में बदल जाएगा जब एस्ट्रोनॉट दोबारा पृथ्वी के वायुमंडल में आएंगे.
थर्मल शील्ड कैप्सूल के अंदर के तापमान को 25 डिग्री सेल्सियस रखने में मदद करेगी पर एस्ट्रोनॉट आग को खिड़की से साफ देख सकेंगे.
कैप्सूल 90 मिनट के अंदर पूरी पृथ्वी की परिक्रम करेगा और एस्ट्रोनॉट सूर्योदय और सूर्यास्त दोनों देख सकेंगे. 24 घंटे के अंदर एस्ट्रोनॉट 2 बार अंतरिक्ष से भारत को भी देख सकेंगे. वे माइक्रोग्रेविटी पर एक्सपेरिमेंट भी करेंगे.
फ्रांस की स्पेस एजेंसी CNES इसरो के साथ स्पेस मेडिसिन, एस्ट्रोनॉट के हेल्थ मॉनिटरिंग, लाइफ सपोर्ट, रेडिएशन प्रोटेक्शन, स्पेस डेबरिस प्रोटेक्शन और पर्सनल हाइजिन सिस्टम पर अपनी तकनीक और ज्ञान साझा करेगी.
टेकऑफ के बाद पृथ्वी से 400 किमी की दूरी में पहुंचने के लिए तीन एस्ट्रोनॉट वाले कैप्सूल को 16 मिनट का समय लगेगा.
माना जा रहा है कि कैप्सूल गुजरात की तट के पास अरब सागर में गिरेगा. यहां भारतीय नेवी और कोस्ट गार्ड पहले से तैनात होंगे.
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ऐलान किया था कि भारत 2022 तक यानी अगले 4 साल के अंदर अंतरिक्ष में अपना मानव मिशन पहुंचाएगा. इस मिशन के सफल होने पर भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद ऐसा चौथा मुल्क बन जाएगा, जिसने अपने नागरिक को अंतरिक्ष में भेजा है.