प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्ष में आयोजित चयन समिति (selection committee) की बैठक ने आलोक वर्मा को केंद्रीय जांच एजेंसी (Central Bureau of Investigation) के डायरेक्टर के पद से हटाकर फायर सर्विसेज एंड होम गार्ड का डायरेक्टर जनरल (Director General) बनाने का फैसला लिया है. इससे पहले उनको 24 अक्टूबर 2018 को केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की रिपोर्ट के बाद जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया था.
77 दिन यानी करीब ढाई महीने तक जबरन छुट्टी में रहने के बाद बुधवार यानी 09 जनवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा को बहाल कर दिया था. इसके बाद बुधवार को आलोक वर्मा ने सीबीआई मुख्यालय पहुंचकर पदभार भी संभाल लिया था, लेकिन महज एक दिन बाद ही पीएम मोदी के नेतृत्व वाली चयन समिति ने उनको पद से ही हटा दिया और फायर सर्विसेज एंड होम गार्ड का डायरेक्टर जनरल नियुक्त कर दिया.
आलोक वर्मा को रिटायर होने के महज 21 दिन पहले सीबीआई के निदेशक के पद से हटाया है. उनको इतनी अवधि के लिए फायर सर्विसेज एंड होम गार्ड का डायरेक्टर बनाया गया है यानी वो इस नए पद पर सिर्फ 21 दिन ही रहेंगे. 1979 बैच के आईपीएस अधिकारी आलोक वर्मा फायर सर्विसेज एंड होम गार्ड के पद से 31 जनवरी 2019 को रिटायर हो जाएंगे.
गुरुवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली जिस चयन समिति ने आलोक वर्मा को सीबीआई के निदेशक के पद से हटाया है, उसमें सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जस्टिस एके सीकरी और लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल रहे. यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर गुरुवार को हुई बैठक में लिया गया.
इस फैसले पर मल्लिकार्जुन खड़गे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जस्टिस सीकरी से असहमत नजर आए और कुछ आपत्तियां दर्ज कराई. इन सबके बावजूद पैनल ने 2-1 से फैसला लिया और आलोक वर्मा को निदेशक पद से हटाकर फायर सर्विसेज एंड होम गार्ड का डायरेक्टर जनरल (DG) बना दिया. इसके अलावा नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम प्रमुख बनाया गया है और इसके नए निदेशक की नियुक्ति जल्द की जाएगी.