2019 में ‘कांग्रेस’ बिना चेहरे के और ‘बीजेपी’ चेहरे के बल पर चुनाव में उतरेगी
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2019 ज्यों-ज्यों निकट आ रहा है, वैसे ही राजनीतिक दल भी अपने नए एजेंडे के साथ आगे बढ़ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने एलान कर दिया है कि लोकसभा चुनाव में हम चेहरे को आगे रख कर आगे नहीं बढ़ेंगे तो दूसरी ओर भाजपा ने कहा, चेहरा अहम भूमिका में होगा। मतलब साफ है कि राहुल गांधी विपक्षी दलों को साथ लेकर चलने की रणनीति पर काम रहे हैं। भाजपा 2014 की तरह 2019 में भी ‘मोदी चेहरे’ को आगे कर चुनाव लड़ेगी।
तीन राज्यों के चुनाव में विजय हासिल करने के बाद कांग्रेस पार्टी ने 2019 की तैयारियां शुरू कर दी हैं। खास बात है कि इस बार खुद राहुल गांधी अपने सहयोगी दलों एवं दूसरी विपक्षी पार्टियों के साथ बैठक कर रहे हैं। सीटों के बंटवारे को लेकर भी वे खुले दिल से दूसरे राजनीतिक दलों के साथ मिलते हैं। कांग्रेस पार्टी के नेता मनीष तिवारी ने एक चैनल डिबेट में कहा कि 2019 में हमारे लिए चेहरा अहम नहीं होगा। अगर कोई कह रहा है कि अगला लोकसभा चुनाव चेहरों के बीच लड़ा जाएगा तो यह गलतफहमी है।
कांग्रेस पार्टी लोगों के मुद्दों को आगे रखकर चुनाव मैदान में उतरेगी। देश में किसानों का मुद्दा है, युवाओं को रोजगार कैसे मिले, इस बाबत सोचना है, देश की वित्तीय संस्थाएं कैसे पटरी पर आएंगी, ऐसे कई मसले हैं, जिन्हें कांग्रेस पार्टी अपने सहयोगी दलों की मदद से लोगों के बीच लेकर जाएगी। तिवारी ने कहा, आगामी लोकसभा चुनाव शख़्सियतों का चुनाव नहीं होगा। हमें अली और बजरंग बली, दोनों ही चाहियें। दूसरी ओर भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने साफ कर दिया है कि उनके लिए चेहरा अहम होगा।
भाजपा के पास एक ऐसा सर्वमान्य नेता है जो सहयोगी दलों और जनता को भी पसंद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भी पार्टी का चेहरा हैं और वे 2019 में भी पार्टी का मुख्य चेहरा होंगे। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर तंज कसते हुए कहा, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और पीवी नरसिम्हा राव कभी पार्टी के सर्वमान्य नेता नहीं रहे। इस पार्टी में एक खास परिवार से आने वालों को ही सर्वमान्य नेता का दर्जा मिलता है।