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2020 में भी रहेगा रोजगार की मारामारी, वेतन में भी नहीं होगी ज्यादा वृद्धि

विशेषज्ञों का मानना है कि नए साल यानी 2020 में भी रोजगार को लेकर स्थिति में सुधार की उम्मीद नहीं है। उनका कहना है कि कंपनियां नियुक्तियों के बदले मौजूदा कर्मचारियों के कौशल सुधारने पर ज्यादा जोर दे रही हैं। इसलिए अगले साल भी रोजगार बाजार में श्रमबल विस्तार में नरमी रहेगी और वेतन में वृद्धि भी खास नहीं होगी। दरअसल, देश में तकनीक आधारित बदलाव हो रहे हैं। ऐसे में कंपनियां नियुक्तियों को लेकर सतर्कता बरत रही हैं। इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन की अध्यक्ष रितुपर्णा चक्रवर्ती का मानना है कि रोजगार के लिहाज से 2020 में मामूली सुधार होगा। जीडीपी और अन्य महत्वपूर्ण संकेतक अभी तक रफ्तार नहीं पकड़ पाए हैं। ऐसे में काफी कुछ उपभोग और निवेश पर निर्भर करेगा। उपभोग और निवेश में तेजी आती है तो हम रोजगार में भी वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं।

2019 में वाहन, विनिर्माण, लॉजिस्टिक्स, रियल एस्टेट, शिक्षा और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में रोजगार सृजन कमजोर रहा। आम चुनाव की वजह से सरकार की नीतियां और पहल करीब दो-तीन महीने थमी रहीं। सीमा पार तनाव से भी रोजगार बाजार में सुस्ती रही। हालांकि, आईटी, बैंकिंग, ई-कॉमर्स और सेवा क्षेत्र में सकारात्मक माहौल है।

2020 की दूसरी छमाही में बेहतर होगी स्थिति
विशेषज्ञों का कहना है कि जिन उद्योगों में रोजगार बढ़ने के संकेत मिले हैं, उनकी संख्या कम हुई है। बाजार में ‘सही लोगों’ की जरूरत बनी हुई है। एग्जीक्यूटिव सर्च कंपनी ग्लोबलहंड इंडिया के एमडी सुनील गोयल ने कहा कि विकास दर के नीचे आने और विस्तार के मोर्चे पर कंपनियों की सतर्कता के कारण 2020 की शुरुआती तिमाही अधिक रोमांचक नहीं होगी। हालांकि, 2020 की दूसरी छमाही में रोजगार के अवसरों की स्थिति बेहतर रहेगी क्योंकि कंपनियां नए सिरे से कारोबार विस्तार पर ध्यान देंगी।

वहीं, मर्सर की प्रिंसिपल-इंडिया प्रोडक्ट्स लीडर एंड करियर-कंसल्टिंग लीडर (उत्तर, पूर्व और बांग्लादेश) नमिता भारद्वाज ने कहा कि 2020 में नियुक्तियों में और कमी आ सकती है। पूरे उद्योग जगत में कम कंपनियों को ही अपने श्रमबल के विस्तार की जरूरत होगी। कंपनियां आंतरिक प्रतिभाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगी। साथ ही वे समीक्षा करेंगी कि उनके पास क्या है और किसकी जरूरत होगी। कंपनियां जरूरत के हिसाब से प्रतिभाओं का विकास करेंगी।

वेतन के मोर्चे पर मामूली वृद्धि
वेतन एवं वेतन वृद्धि के मोर्चे पर विभिन्न एचआर कंपनियों और विशेषज्ञों का मानना है कि 2020 में स्थिति बेहतर नहीं होगी। हालांकि, प्रतिभावान और कौशल कर्मचारियों को अधिक पैसा मिलता रहेगा। विलिस टावर्स वॉटसन की 2019 की तीसरी तिमाही के लिए जारी ताजा ‘सैलरी बजट प्लानिंग’ रिपोर्ट के अनुसार, इस साल के मुकाबले 2020 में भारत में वेतन वृद्धि मामूली बढ़कर 10 फीसदी रह सकती है।

2019 में यह वृद्धि 9.9 फीसदी है। सोसायटी फॉर ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट इंडिया एसोसिएट (एडवाइजरी सर्विसेज) की स्वाति ठाकुर ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि मंदी के कारण छंटनी होगी और नियुक्तियां कम होंगी। हालांकि, व्यापक डिजिटलीकरण की वजह से उभरती तकनीक में कौशल वाले लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ते रहेंगे।

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