नई दिल्ली: आईएएएफ की ट्रैक स्पर्धा में भारत को गोल्ड मेडल मिला। हिमा दास ने गुरुवार को फिनलैंड के टेम्पेरे में जारी आईएएफ वर्ल्ड अंडर-20 चैंपियनशिप की महिलाओं की 400 मीटर स्पर्धा में स्वर्ण जीत कर इतिहास रच दिया। हिमा दास ने इस उपलब्धि के साथ उस सूखे को भी खत्म कर दिया, जो भारत के लेजेंड मिल्खा सिंह और पीटी ऊषा भी नहीं कर पाए थे। हिमा दास से पहले भारत की कोई महिला या पुरुष खिलाड़ी जूनियर या सीनियर किसी भी स्तर पर विश्व चैम्पियनशिप में गोल्ड या कोई मेडल नहीं जीत सका था। हिमा दास से पहले सबसे अच्छा प्रदर्शन मिल्खा सिंह और पीटी उषा का रहा था, पीटी उषा ने 1984 ओलंपिक में 400 मीटर हर्डल रेस में चौथा स्थान हासिल किया था। मिल्खा सिंह 1960 रोम ओलंपिक में 400 मीटर रेस में चौथे स्थान पर रहे थे। इन दोनों के अलावा कोई भी खिलाड़ी ट्रैक इवेंट में मेडल के करीब नहीं पहुंच सका। हिमा ने राटिना स्टेडियम में खेले गए फाइनल में 51.46 सेकेंड का समय निकालते हुए जीत हासिल की।
इसी के साथ वह इस चैंपियनशिप में सभी आयु वर्गों में स्वर्ण जीतने वाली भारत की पहली महिला बन गई हैं। एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने भी हिमा दास को शानदार सफलता के लिए बधाई दी है। बुधवार को हुए सेमीफाइनल में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए 52.10 सेकंड का समय निकालकर वह पहले स्थान पर रही थीं। पहले दौर की हीट में भी 52.25 समय के साथ वो पहले स्थान पर रहीं। साथ ही हिमा भाला फेंक के स्टार खिलाड़ी नीरज चोपड़ा की सूची में शामिल हो गईं, जिन्होंने 2016 में पिछली प्रतियोगिता में विश्व रिकॉर्ड प्रयास के साथ स्वर्ण पदक जीता था, वह हालांकि इस प्रतियोगिता के इतिहास में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली ट्रैक खिलाड़ी हैं। विश्व जूनियर चैंपियनशिप में भारत के लिए इससे पहले सीमा पूनिया (2002 में चक्का फेंक में कांस्य) और नवजीत कौर ढिल्लों (2014 में चक्का फेंक में कांस्य) पदक जीत चुके हैं।हिमा मौजूदा अंडर 20 सत्र में सर्वश्रेष्ठ समय निकालने के कारण यहां खिताब की प्रबल दावेदार थी, वह अप्रैल में गोल्ड कोस्ट में हुए राष्ट्रमंडल खेलों की 400 मीटर स्पर्धा में तत्कालीन भारतीय अंडर 20 रिकॉर्ड 51.32 सेकेंड के समय के साथ छठे स्थान पर रही थी। इसी राष्ट्रमंडल खेलों की 4X400 मीटर स्पर्धा में उन्होंने सातवां स्थान हासिल किया था। इसके बाद गुवाहाटी में हाल में राष्ट्रीय अंतर राज्य चैंपियनशिप में उन्होंने 51.13 सेकेंड के साथ अपने इस रिकॉर्ड में सुधार किया, उन्होंने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था।