25 सूचीबद्ध कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू
नई दिल्ली: केवल कागज पर मौजूद कंपनियां होने के संदेह में बाजार नियामक सेबी ने ऐसी 25 से अधिक कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। ऐसी आशंका है कि कालेधन को सफेद बनाने या कर चोरी के उद्देश्य से ये कंपनियां खोली गई हैं। जांच के दौरान सेबी ने पाया कि इनमें से कुछ कंपनियां अपने पंजीकृत स्थानों पर मौजूद नहीं थीं, जबकि इनमें से कई कंपनियों के कोई चिह्न्ति प्रवर्तक नहीं थे। बाजार नियामक ने इन कंपनियों के ऑडिटर, अनुपालन अधिकारियों व मुख्य प्रबंधन कर्मचारियों व अधिकारियों को समन भेजना शुरू कर दिया है। सूत्रों ने कहा कि यद्यपि जांच अभी आरंभिक चरण में है, ऐसा संदेह है कि इन कंपनियों का इस्तेमाल कर चोरी करने व अन्य मनी लॉन्डरिंग से जुड़े उद्देश्यों के लिए किया जाता रहा है। शेयर बाजारों में सूचीबद्ध ये कंपनियां सभी आवश्यक खुलासा नियमों का पालन करती रही हैं, लेकिन इनके शेयरों में यकायक तेज उछाल आने से सेबी के कान खड़े हो गए और नियामक ने जांच शुरू कर दी।शेयर बाजार नियामक सेबी ने न्यूनतम 25 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारिता की आवश्यकता पूरी नहीं करने के लिए यूपी होटल्स लिमिटेड और इसके प्रवर्तकों पर प्रतिबंध लगाए जाने की पुष्टि की है। सेबी ने कहा कि कंपनी पर पाबंदियां जारी रहेंगी, क्योंकि उसने आज की तिथि तक न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता की आवश्यकता पूरी नहीं की है। बाजार नियामक के 3 दिसंबर के आदेश में कहा गया है, इसलिए कंपनी, इसके निदेशकों व प्रवर्तकों- प्रवर्तक समूह के खिलाफ अंतरिम आदेश के जरिए जारी निर्देशों की पुष्टि करना सेबी के लिए आवश्यक हो जाता है एजेंसियां