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ये 7 नियम जान लें, फिर लगें इनकम टैक्स रिटर्न की लाइन में

31 जुलाई  वित्त वर्ष 2016-17 के इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख है।  इनकम टैक्स विभाग टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख में कोई बदलाव नहीं किया है। जबकि वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2017-18 के सलाना बजट में टैक्स संबंधी कई बदलाव किए थे. टैक्स रिर्टन को काफी आसान बनाने की बात भी कही गई थी लेकिन क्या सचमुच टैक्स रिटर्न आसान हो गया है।
टैक्स रिटर्न का आखिरी दिन आते ही हाथ पांव फूलने लगते हैं। जब आप रिटर्न फाइल करने जाएं तो आपको सात नियम जरूर जान लीजिए 

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ये 7 नियम जान लें, फिर लगें इनकम टैक्स रिटर्न की लाइन में1. जिनकी वार्षिक आय  ढाई से पांच लाख है उन लोगों के लिए टैक्स की दरों में 10 से पांच फीसदी की कटौती के बाद टैक्स में 12,500 रुपए तक की बचत होगी। 

2. 3.5 लाख तक वार्षिक आय वालों को ध्यान रखना है कि उनके लिए छूट का प्रावधान रखा गया है। टैक्स रीबेट में हुए बदलाव के बाद साढ़े तीन लाख आय वालों को 5150 रु नहीं बल्कि इसबार 2575 रुपए ही टैक्स के रूप में अदा करना पड़ेगा। 
जबकि जिनकी आय 50 लाख रुपए या उससे अधिक है उन्हें 10 फीसदी तक और एक करोड़ से अधिक आय वालों को 15 फीसदी तक सरचार्ज अदा करना होगा। 

3 सरकार ने अचल संपत्ति मामलें में भी काफी बदलाव किए हैं। इसलिए ध्यान रखना है कि अब तीन साल पुरानी संपत्ति नहीं बल्कि 2 साल पुरानी संपत्ति टैक्स के दायरे में आ चुकी है। और यदि आप इस संपत्ति को बेचना चाह रहे हैं तो उसपर 20 फीसदी तक टैक्स का प्रावधान रखा गया है।

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31 दिसंबर 2018 तक भरने पर लगेगा 5000 का जुर्माना

4. वैसे सरकार ने लांग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स में बदलाव किया है और इसका फायदा भी मिलेगा। सरकार ने महंगाई और कैपिटल की गणना वर्ष को 1 अप्रैल 1981 की दरों से बढ़ाकर 2001 कर दिया है। संपत्ति खरीद फरोख्त करने वालों का उस नियम में हुए बदलाव से मुनाफा कम हो जाएगा। लेकिन यदि किसी संपत्ति को बेचने में हुए फायदे को सरकार द्वारा सूचित बांड में निवेश करते हैं तो उसके टैक्स में छूट मिलेगी।

5.अगर आप 31 जुलाई यानी आज किसी भी तरह से टैक्स रिटर्न नहीं भर पाए हैं तो तैयार रहिए वर्ष 2017-18 में टैक्स रिटर्न में भरने में हुई देरी पर आपकी जेब से 5000 रुपए तक का जुर्माना सरकार उस शर्त पर वसूलेगी  यदि यह 31 दिसंबर 2018 तक भी भर दें, यदि 31 दिसंबर के बाद भरते हैं तो  इस रिटर्न फाइल पर 10.000 रुपए तक जुर्माना लगेगा..5 लाख तक की आय वालों को थोड़ी रियायत मिलेगी और यह पेनाल्टी 1000 रुपए तक होगी।

6. इस बार बदले गए कई नियमो में एक बड़ा बदलाव इक्विटी सेविंग स्कीम में किसी तरह की राहत का न होना भी है। यानी 2016-17 में राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम में किसी तरह की राहत नहीं मिलेगी। वैसे उन लोगों के लिए खुशखबरी है जिन्होंने 1अप्रैल 2017 से पहले छूट क्लेम कर दिया था उन्हें आने वाले दो सालों तक छूट का लाभ मिलेगा।  

7. नगदी में कारोबार करने वाले वो लोग जिनकी आय 5 लाख तक है उनके लिए 1 पेज का टैक्स रिटर्न फॉर्म जारी किया गया है। यह अपनी तरह का पहला प्रयोग है और ऐसे टैक्स पेयर के फॉर्म की बाद में जांच नहीं की जाएगी। 

 

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