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– मोदी का 2 साल में जर्मनी का ये दूसरा दौरा है। इसके पहले वो अप्रैल 2015 में जर्मनी गए थे। तब उन्होंने हैनोवर फेयर में शिरकत की थी और इस फेयर में जर्मनी ने भारत को ‘पार्टनर कंट्री’ का दर्जा दिया था। मर्केल अक्टूबर 2015 में भारत आईं थीं।
– एक ऑफिशियल प्रेस रिलीज में कहा गया है कि भारत और जर्मनी के बीच एक स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप है। मोदी के दौरे से इसे बढ़ावा मिलेगा।
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स्पेन में क्या करेंगे मोदी?
– बर्लिन से मोदी 30 मई को स्पेन जाएंगे। वहां वे प्रेसिडेंट मारियानो राजॉय से मुलाकात करेंगे और बाइलैट्रल इश्यूज पर चर्चा करेंगे। दोनों देशों के बीच इंफ्रास्ट्रक्चर और एनर्जी सेक्टर्स में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी। इसके अलावा आपसी हितों के अन्य मुद्दों पर भी बातचीत होगी।
– मोदी के स्पेन के लीडिंग बिजनेस लीडर्स से भी मिलेंगे और भारत में इन्वेस्टमेंट के लिए उन्हें इनवाइट करेंगे। प्रेस रिलीज के मुताबिक मोदी के स्पेन दौरे से फ्रैंडली रिलेशन मजबूत होंगे।
– मोदी 1 जून को मॉस्को पहुंचेंगे। उनका रूस दौरा 2 दिनों का है। वे प्रेसिडेंट व्लादीमिर पुतिन के साथ सेंट पीटर्सबर्ग में 18वीं इंडिया-रशिया एनुअल समिट में हिस्सा लेंगे। यह पहली बार है कि ये एनअुल समिट मॉस्को से बाहर हो रही है। मोदी 2 जून को सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम (SPIEF) में भी शिरकत करेंगे। मोदी पहली बार इस फोरम में बतौर गेस्ट हिस्सा लेंगे।
– बता दें कि भारत के साथ एनुअल समिट शुरू करने वाला रूस पहला देश है। अक्टूबर 2000 में नई दिल्ली में दोनों देशों के बीच स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप को लेकर ज्वाइंट डिक्लरेशन जारी हुआ था। तब से हर साल ये समिट हो रही है। पिछली समिट गोवा में 15 अक्टूबर 2016 में हुई थी। इस बार की समिट में बाइलैट्रल रिलेशन और पिछली समिट के बाद इसमें हुई प्रोग्रेस का रिव्यू किया जाएगा।
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3 जून को फ्रांस में होंगे मोदी
– 2 जून को ही मोदी पेरिस के लिए रवाना होंगे। वहां वे 3 जून को फ्रांस के प्रेसिडेंट इमैनुएल मैक्रॉन से मिलकर दोनों देशों के आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा करेंगे। मोदी के फ्रांस दौरे से दोनों देशों का स्ट्रैटजिक रिलेशन मजबूत होने की उम्मीद है।