दस्तक टाइम्स/ एजेंसी. पंजाब अमृतसर। टांगरा के नजदीक गांव मुच्छल में धरने पर बैठे किसानों ने लगातार तीसरे दिन भी रेल सेवा को बाधित रखा। शुक्रवार को भी किसानों ने रेल पटरियों पर धरना दिया और ट्रेनों को चलने नहीं दिया। किसान बर्बाद हुई नरमा फसल के लिए पर्याप्त मुआवजे की मांग कर रहे हैं। किसानों के आंदोलन के कारण 13 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। जबकि कई ट्रेनों को वाया तरनतारन से रवाना किया गया। नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस सुबह पांच बजे अमृतसर स्टेशन से वाया तरनतारन के रास्ते रवाना हुई। जोकि तीन घंटे बाद तरनतारन-खडूर साहिब के रास्ते ब्यास पहुंची। इससे यात्रियों में काफी गुस्सा दिखा।
किसानों के रेल रोको धरने से परेशान हजारों रेल यात्री पंजाब के मुख्यमंत्री परकाश सिंह बादल को बददुआएं दे रहे है। ट्रेनों के कैंसिल होने या कई-कई घंटे देरी से चलने से दुखी यात्रियों का कहना है कि पंजाब सरकार को किसानों से बातचीत करके या तो धरना खत्म करना चाहिए था या ऐसे बंदोबस्त करने चाहिए थे कि वे रेल पटरियों पर बैठ ही नहीं पाते, मगर दोनों मामलों में सरकार नाकाम रही है। लिहाजा रेल यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
कई ट्रेनें वाया तरनतारन भेजीं
धरने के चलते शुक्रवार को शान-ए-पंजाब, अमृतसर पठानकोट एक्सप्रेस, अमृतसर कोची एक्सप्रेस, जननायक एक्सप्रेस, जलियांवाला बाग एक्सप्रेस, देहरादून अमृतसर एक्सप्रेस, हावड़ा एक्सप्रेस, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, होशियारपुर अमृतसर डीएमयू, हावड़ा एक्सप्रेस, इंटरसिटी चंडीगढ़ एक्सप्रेस, आम्रपाली एक्सप्रेस, नंगल डैम अमृतसर एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया। अमृतसर शताब्दी एक्सप्रेस को तरनतारन वाया रवाना किया गया।
सरकार की नालायकी से परेशान जनता: प्रो. चावला
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने कहा है कि किसानों द्वारा रेल यातायात जाम करने से देश के लाखों रेलयात्री परेशान हैं, पर सरकार अभी तक न तो किसानों से बात करने में सफल हो सकी है और न ही रेल ट्रैक खाली करवा सकी है। सरकार की ड्यूटी है कि वह लोगों की कठिनाइयां दूर करे, पर यहां सरकारी नालायकी के कारण भारत की जनता परेशान हैं और देश का करोड़ों रुपयों का नुकसान भी हो रहा है।
दिल्ली का बस किराया 400 की जगह 1 हजार रुपए लिया जा रहा
धरने के चलते रेलवे को जहां करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ा है। वहीं इसका फायदा प्राइवेट बस मालिकों को मिल रहा है। नई दिल्ली जाने वाली बसों में भारी भीड़ उमड़ रही है। प्राइवेट बस मालिक भी अपनी मनमानी कर रहे है। यात्रियों से डबल से भी ज्यादा किराया वसूला जा रहा है। नई दिल्ली तक बस का किराया 300 से 400 के बीच है, जो कि एक हजार के करीब वसूला जा रहा है।
दस्तक टाइम्स/ एजेंसी. पंजाब अमृतसर। टांगरा के नजदीक गांव मुच्छल में धरने पर बैठे किसानों ने लगातार तीसरे दिन भी रेल सेवा को बाधित रखा। शुक्रवार को भी किसानों ने रेल पटरियों पर धरना दिया और ट्रेनों को चलने नहीं दिया। किसान बर्बाद हुई नरमा फसल के लिए पर्याप्त मुआवजे की मांग कर रहे हैं। किसानों के आंदोलन के कारण 13 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। जबकि कई ट्रेनों को वाया तरनतारन से रवाना किया गया। नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस सुबह पांच बजे अमृतसर स्टेशन से वाया तरनतारन के रास्ते रवाना हुई। जोकि तीन घंटे बाद तरनतारन-खडूर साहिब के रास्ते ब्यास पहुंची। इससे यात्रियों में काफी गुस्सा दिखा।
धरने के चलते शुक्रवार को शान-ए-पंजाब, अमृतसर पठानकोट एक्सप्रेस, अमृतसर कोची एक्सप्रेस, जननायक एक्सप्रेस, जलियांवाला बाग एक्सप्रेस, देहरादून अमृतसर एक्सप्रेस, हावड़ा एक्सप्रेस, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, होशियारपुर अमृतसर डीएमयू, हावड़ा एक्सप्रेस, इंटरसिटी चंडीगढ़ एक्सप्रेस, आम्रपाली एक्सप्रेस, नंगल डैम अमृतसर एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया। अमृतसर शताब्दी एक्सप्रेस को तरनतारन वाया रवाना किया गया।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने कहा है कि किसानों द्वारा रेल यातायात जाम करने से देश के लाखों रेलयात्री परेशान हैं, पर सरकार अभी तक न तो किसानों से बात करने में सफल हो सकी है और न ही रेल ट्रैक खाली करवा सकी है। सरकार की ड्यूटी है कि वह लोगों की कठिनाइयां दूर करे, पर यहां सरकारी नालायकी के कारण भारत की जनता परेशान हैं और देश का करोड़ों रुपयों का नुकसान भी हो रहा है।
धरने के चलते रेलवे को जहां करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ा है। वहीं इसका फायदा प्राइवेट बस मालिकों को मिल रहा है। नई दिल्ली जाने वाली बसों में भारी भीड़ उमड़ रही है। प्राइवेट बस मालिक भी अपनी मनमानी कर रहे है। यात्रियों से डबल से भी ज्यादा किराया वसूला जा रहा है। नई दिल्ली तक बस का किराया 300 से 400 के बीच है, जो कि एक हजार के करीब वसूला जा रहा है।