हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार, पालक और अवोकेडो से ना ही आपको ज़रूरी विटामिन और प्रोटीन मिलते हैं, पर यह आपके ज्ञानात्मक कौशल के लिए भी सही होते हैं। लूटीन शरीर अपने आप नहीं बना पाता इसलिए इंसान को ऐसा खाना खाना खाना चाहिए जिसमें यह मौजूद हों। लूटीन अधिक मात्रा में पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, अवोकेडो, केल, पीले गाजर और अंडे में पाया जाता है।
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हाल ही में हुए शोध जो फ्रंटियर्स इन एजिंग न्यूरोसाइंस नाम की पत्रिका में छपी थी, में 25 से 45 साल के 60 वयस्कों पर अध्ययन किया गया और यह पाया गया कि मिडिल एज के लोग जिनमें लूटीन की मात्रा ज़्यादा थी उनके न्यूरल रेस्पोंस उनसे छोटे लोगों के जैसी थी और अपने साथ वालों से ज़्यादा थी।
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उर्बाना- चम्पैग्न की यूनिवर्सिटी ऑफ़ इलेनॉइस के शोधकर्ताओं ने कहा कि ज़्यादा मात्रा में लूटीनयुक्त खाना खाने से मिडिल एज के लोगों में ज्ञानात्मक क्षमता बढ़ती है। “जैसे लोग बूढ़े होते हैं, उनकी इस क्षमता में कमी आती है। हालांकि, शोध से पता चलता है कि यह क्रिया अपेक्षा से पहली भी शुरू हो सकती है। आपको इस क्षमता में 30 साल की उम्र से भी बदलाव नज़ाकर आ सकता है,” शोध के पहले लेखक एन वाक ने कहा। दिमाग के अलावा शोधकर्ताओं ने लोगों के आँखों में लूटीन के असर की जांच की कि कैसे वह टिमटिमाती रौशनी पर प्रतिक्रया करते हैं। फिर स्कैल्प पर इलेक्ट्रोड की मदद से उन्होंने दिमाग में हो रही न्यूरल गतिविधि को नापा और लोगों से कुछ काम करवाए। हम सही तरीका चुनते हैं। ना कि आसान तरीका।