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300 करोड़ का खजाना हुआ गायब, SC ने सरकार से 6 हफ्ते में मांगा जवाब

एंजेंसी/ supremecourt_146251941568_650x425_050616125733असम में दो साल पहले रहस्यमयी हालात में गायब हुए 300 करोड़ रुपये, 3 क्विंटल सोने और 2 एके 47 राइफल के खोने के मामले में SC ने सख्त रुख अपना लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, असम सरकार और असम के डीजीपी को नोटिस जारी कर 6 हफ्ते में जवाब मांगा है.

मुख्य न्यायधीश टी एस ठाकुर ने कहा मामला बेहद गंभीर है. आज भी मीडिया में ऐसी ही एक खबर छपी है. सुप्रीम कोर्ट में खुफिया विभाग के एक पूर्व अधिकारी मनोज कौशल ने इस संबंध में याचिका दायर की है. याचिका में इस इस खजाने का पता लगाने और इसे गायब करने में शामिल लोगों पर कार्रवाई की मांग की गई है.

कैसे गायब हुए 300 करोड़?
याचिकाकर्ता का कहना है कि वो करीब दो साल पहले असम में तैनात था. बोडो उग्रवादी अक्‍सर वहां के व्‍यापारियों से रुपयों की उगाही करते रहे हैं. इन उग्रवादियों को देने के लिए करीब ढाई साल पहले 2014 में असम टी ओनर्स एसोसिएशन के अध्‍यक्ष मृदुल भट्टाचार्य ने 300 करोड़ रुपये, 3 क्विंटल सोने के अलावा 2 ऐके 47 राइफल चाय बगान में छुपा के रखे थे. ये खज़ाना उग्रवादियों को दिया जाना था. खजाना असम के ही एक चाय के बागान में गाड़ कर छिपा दिया गया था. ताकि समय आने पर खाज़ने को बोड़ो उग्रवादियों को दिया जा सके.

खजाना खोजने से पहले ही हुआ चोरी
इसकी जानकारी सिर्फ मृदुल भट्टाचार्य को थी. लेकिन मृदुल भट्टाचार्य और उनकी पत्नी रीता को साल 2012 में ही तिनसुकिया के उनके बंगले में जला कर मार दिया गया. याचिकाकर्ता मनोज कौशल ने बताया कि उन्‍होंने भट्टाचार्य हत्‍याकांड की जांच की तो उन्‍हें इस बात का पता चला और वो जगह भी मिल गई, जहां पर बोडो उग्रवादियों के लिए खजाना छुपाया गया था. खुफिया विभाग का अधिकारी होने के नाते उन्‍होंने यह सूचना सेना अधिकारियों को दी. सेना अधिकारियों ने तय किया कि वो 1 जून 2014 को उस जगह से खुदाई कर सोना निकाल लेंगे. मगर कुछ अधिकारियों की मिलीभगत के चलते यह सूचना लीक हो गई. कुछ अज्ञात लोगों ने 30 मई की रात को ही उस जगह पर खुदाई कर सारा खजाना चुरा लिया.

मनोज कौशल ने इस मामले में शामिल अधिकारियों की जांच व उन पर कार्रवाई के लिए कई आला अधिकारियों को शिकायत की, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई. लिहाजा, उन्हें अब अदालत की शरण लेनी पड़ रही है. याचिकाकर्ता ने मांग की है कि केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि इस पूरे प्रकरण की उच्‍च स्‍तरीय जांच कराई जाए और जानकारी को लीक कराने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई हो. इसके साथ ही सोना निकालने वाले लोगों और गायब सोने का पता लगाकर उसे भारत सरकार के खजाने में जमा कराया जाए. अब इस मामले की सुनवाई 6 हफ्ते बाद होगी.

 

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