साक्षरता सिर्फ डिग्री में नहीं बल्कि सोच में होनी चाहिए : सशक्त सिंह
लखनऊ। बिजनौर स्थित आर्यकुल ग्रुप ऑफ कॉलेज में 53 वें अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के मौके पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें सभी विभागों के छात्र व छात्राओं ने बढ़—चढ़कर हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में भाषण का विषय था व्यक्ति समुदाय, समाज पर साक्षरता का महत्व।
भाषण प्रतियोगिता में सभी विभागों के छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रतिभा के हुनर को दिखते हुए अपने-अपने तरीके से साक्षरता के महत्व को समझाया और बताया कि खाली किताबी ज्ञान जरुरी नहीं हैं अगर हम वाकई साक्षर साक्षर होना चाहते हैं तो हमें अपनी सोच भी परिवर्तन लाना होगा। इतना ही ये बताया कि शिक्षा इंसान के सर्वांगीण विकास के लिए काफी अहम है। यह किसी समाज और देश को तरक्की के रास्ते पर ले जाने की बुनियाद है।
शिक्षा ही समाज और संसार को आगे बढ़ने का आधार मुहैया कराती है। 1966 में यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) ने शिक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने तथा विश्व भर के लोगों का इस तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रतिवर्ष 8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीयध् विश्व साक्षरता दिवस मनाने का निर्णय लिया था। भाषण प्रतियोगिता में बी.जे.एम.सी प्रथम वर्ष के छात्र आदित्य कुमार ने प्रथम स्थान हासिल किया। वहीं दूसरे स्थान अनुराग मणि त्रिपाठी और तृतीय स्थान कल्पना पाल थी।
विजयी छात्र-छात्राओं को मैडल और सर्टिफिकेट देकर प्रबंध निदेशक सशक्त सिंह और संगीत टीचर डॉ अनिल त्रिपाठी ने सम्मानित किया। कॉलेज के प्रबंध निदेशक सशक्त ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि साक्षरता का मतलब ये नहीं कि वो केवल सिर्फ खुद तक सिमित न रहें बल्कि उसे दूसरों तक पहुँचाना है, तभी हम सहीं मायने में साक्षर हो पाएंगे। भाषण प्रतियोगिता के दौरान सभी विभागों के विभागाध्यछ व शिक्षकगण मौजूद रहे।