राज्य
4.5 लाख पेंशनर्स को छठे वेतनमान का एरियर देेने से सरकार का इनकार
भोपाल.प्रदेश सरकार ने तकरीबन साढ़े 4 लाख पेंशनर्स को छठे वेतनमान के 32 महीने के एरियर का भुगतान करने से इनकार कर दिया है। पिछले पांच सालों से लंबित इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में 500 से ज्यादा पेंशनर्स ने पिटीशन लगाई।
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कोर्ट ने सरकार से कहा कि पेंशनर्स के मसले पर सहानुभूतिपूर्वक निर्णय लें। कोर्ट के इन निर्देशों के बाद भी सरकार एरियर देने से मना कर दिया। इन्हें एरियर के भुगतान में तकरीबन 200 करोड़ का खर्च आना था। इधर, सातवें वेतनमान में पेंशनर्स को फायदा दिए जाने का फार्मूला अब तक तय नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री सचिवालय को वित्त विभाग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव में पेंशनरों को सिर्फ 8 प्रतिशत का ही फायदा होना है, जबकि उनकी पेंशन में 14 प्रतिशत की वृद्धि होनी थी। सरकार पुराने प्रस्ताव के अनुसार पेंशन तय करती है तो उनकी 1 जनवरी 2016 को जो पेंशनर को जो पेंशन प्राप्त हो रही थी, उसे सिर्फ 2.42 गुना किया जाएगा, जबकि केंद्र सरकार को पेंशन की यह राशि कर्मचारियों के समान ही 2.57 के फार्मूले के अनुसार दी गई है।
देरी की वजह यह भी
पुनरीक्षण वेतनमान के हिसाब से पेंशन जल्दी तय न करने के पीछे सरकार की मंशा है कि उन्हें एरियर के झंझट से मुक्ति मिल जाए। कर्मचारियों को छठा वेतनमान देते समय सरकार ने वादा किया था कि पेंशनरों को भी कर्मचारियों के समान बढ़े वेतन का एरियर दिया जाएगा। इधर, सातवें वेतन आयोग में तो सरकार ने पेंशनर्स के बारे में कोई फैसला ही नहीं किया है।
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छठे वेतनमान का 32 महीने का एरियर देना था, मुझे इस बारे में पता नहीं है। सातवंे वेतनमान में एरियर दिया जाएगा या नहीं इस बारे में विभाग से जानकारी लेकर कुछ कहा जा सकता है।
जयंत मलैया, वित्त मंत्री
सरकार ने वादा किया था कि पेंशनर को भी एरियर देंगे, लेकिन यह लाभ न देने का ही आदेश निकाल दिया। जबकि कोर्ट ने कहा है कि इन मामलों में सहानुभूति पूर्वक निर्णय लें।