नई दिल्ली: देश के महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ के लिए रूस में ट्रेनिंग लेने वाले वायुसेना के चार पायलट एक बार फिर वहां जाएंगे। भारतीय वायुसेना के इन चार अधिकारियों ने रूस की राजधानी मॉस्को के पास जिजयोनी शहर में गगनयान मिशन की ट्रेनिंग करते हुए एस्ट्रोनॉट्स बनने का प्रशिक्षण लिया। इस साल के शुरू में इनकी ट्रेनिंग पूरी हो गई थी। ये चारों अधिकारी इसी साल सितंबर में एक बार फिर रूस जा रहे हैं।
सितंबर में फिर से मास्को लौटेंगे इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरिक्ष में भारत के पहले मानवयुक्त मिशन गगनयान के लिए रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोसमोस के साथ अपना प्रशिक्षण पूरा कर चुके पायलट सितंबर में फिर से मास्को लौटेंगे। ये चारों गगनयान मिशन के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले स्पेससूट की टेलरिंग के लिए मॉस्को लौटेंगे।
रूस में भारत के राजदूत डीबी वेंकटेश वर्मा ने बताया है कि प्रशिक्षण पूरा कर वे भारत घर लौट चुके हैं। रूस में स्पेससूट तैयार किाया जा रहा है। इसे से जुड़े काम करने के लिए वो मास्को आएंगे। स्पेससूट को रूसी कंपनी ज्वेज्डा बना रही है।
भारतीय एयरफोर्स अधिकारियों को गगननॉट्स बनाने के लिए इसरो और रूस के ग्लवकॉस्मॉस के बीच जून 2019 में समझौता हुआ था। भारतीय वायुसेना के चार पायलट जिनमें एक ग्रुप कैप्टन हैं और तीन विंग कमांडर हैं, जिनकी ट्रेनिंग गैगरीन कॉस्मोनॉट्स ट्रेनिंग सेंटर में बीते साल हुई थी। इनकी ट्रेनिंग 10 फरवरी 2020 से शुरू हो गई थी और करीब एक साल चली थी। इसरो 2022 में गगनयान का मानव मिशन लॉन्च करेगा बता दें कि गगनयान प्रोजेक्ट के लिए करीब 10 हजार करोड़ रुपए भारत सरकार ने जारी किए हैं। इसरो 2022 में गगनयान का मानव मिशन लॉन्च करेगा, जिसमें 3 क्रू मेंबर रहेंगे। इसरो चीफ सिवन ने कहा था कि गगनयान के अंतिम मिशन से पहले दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 में अंतरिक्ष में मानव जैसे रोबोट भेजे जाएंगे।