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आईटीआर चांदीपुर के 4 संविदा कर्मचारी जासूसी के आरोप में गिरफ्तार, PAK को भेजी अहम जानकारी

ओडिशा की बालासोर पुलिस ने एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) चांदीपुर में संविदा कर्मचारियों के रूप में काम करने वाले चार लोगों को पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोपी ये चारों कर्मचारी पाकिस्तान को संवेदनशील और गोपनीय जानकारियां लीक कर रहे थे.बालासोर पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया. दरअसल, डीआरडीओ द्वारा संचालित आईटीआर चांदीपुर मिसाइल रॉकेट और अन्य खास हथियारों के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षण रेंज है. पुलिस ने एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) में काम करने वाले चारों कर्मचारियों को पुख्ता जानकारी के बाद गिरफ्तार किया है.

जानकारी के मुताबिक, ये चारों जासूस आईएसडी नंबरों के माध्यम से संपर्क करते थे और इन से भी ऐसे ही संपर्क किया जाता था. जासूसी करने की एवज में इन चारों को विदेशी भूमि से आर्थिक लाश हो रहा था. लेकिन इनके बारे में सूचना मिलने पर पुलिस ने गिरफ्तारी की कार्रवाई को अंजाम दिया. स्थानीय पुलिस के अनुसार, चारों पाक जासूसों के खिलाफ आईपीसी आर/डब्ल्यू की धारा 120-बी, 121-ए और 34 के तहत आधिकारिक गुप्त अधिनियम की धारा 3,4 और 5 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. गिरफ्तारी के बाद चारों से पूछताछ की जा रही है. पुलिस के मुताबिक चारों आरोपी बालासोर जिले के चांदीपुर के झामपुरा हाटा और नुआनाई इलाके के रहने वाले हैं.

बालासोर के पुलिस अधीक्षक सुधांशु मिश्रा ने आजतक/इंडिया टुडे को बताया कि विश्वसनीय जानकारी मिली थी कि कुछ लोग गलत तरीके से और जानबूझकर गोपनीय रक्षा जानकारी को विदेशी एजेंटों को दे रहे हैं, जो पाकिस्तानी एजेंट प्रतीत होते हैं, विभिन्न आईएसडी फोन नंबरों से संपर्क किया जा रहा है. बदले में, उन्हें उनसे गलत तरीके से आर्थिक लाभ मिल रहा था. सूचना के आधार पर अपराधियों को पकड़ने के लिए कई पुलिस टीमों का गठन किया गया था. छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं.

सूत्रों ने बताया कि आरोपियों में से एक बसंत बेहरा पृथ्वी मिसाइल केंद्र के पैड III में लगे एक एयर-कंडीशनर काम देखता है. वो अपने हैंडलर के साथ नियमित संपर्क में था. उसे बार-बार आईएसडी कॉल करते और रिसीव करते हुए पाया गया है. अधिकारियों को उन पर डीआरडीओ की मिसाइल गतिविधियों के बारे में रक्षा संबंधी जानकारी विदेशी एजेंटों को भेजने का शक था. चूंकि उनकी अधिकांश कॉल्स राजस्थान से परे अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के लिए ट्रेस की गईं, जिसके बाद बालासोर पुलिस ने राज्य पुलिस मुख्यालय को बेहरा की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में सूचित किया था.

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