उत्तराखंडराज्य

45 साल बाद मिला बेटा तो मां ने ‌किया दुलार, फिर छोड़ ‌‌दिए प्राण

kamla-devi-5613676e0733b_exlstसालों बाद एक मां की ममता खोए हुए बेटे को तो वापस ले आई, लेकिन बेटे से मिलने के बाद यह खुशी मातम में बदल गई।

अफसोस कि मां कमला देवी इस खुशी को 24 घंटे भी सह न सकी और अपने बेटे (58) को दुलारने और चूमने के बाद दुनिया से चल बसी। मानो मां 45 साल से बेटे का ही इंतजार कर रही थी।

उत्तराखंड के चंपावत के तड़ाग गांव निवासी अशोक चक्र प्राप्त स्व. राम सिंह तड़ागी का बेटा चंद्र सिंह 13 वर्ष की उम्र में घर छोड़कर कहीं चला गया था। एक दुर्घटना में उसकी याददाश्त चली गई थी। बाद में ठीक होने पर उसने हैदराबाद में शादी कर ली और वहीं रहने लगा।

फिलहाल उसका एक लड़का विदेश में और दो बेटियां देश में नौकरी करती हैं। वह अक्सर घर में अपने बच्चों से कहता था कि वह पहाड़ का रहने वाला है। बड़ी बेटी ने इंटरनेट के जरिए पिता के मूल घर की तलाश शुरू की। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने घर छोड़ा उस समय चंपावत तहसील हुआ करती थी और अल्मोड़ा जिले का हिस्सा था।

 

बेटी ने लोहाघाट थाने में पिता का हुलिया भेजा। पुलिस ने उन्हें खोजबीन करने के बाद गांव का पता भेज दिया, जिससे चंद्र सिंह की अपने चाचा पूर्व डिप्टी कमांडेंट दीवान सिंह तड़ागी, भाई सूबेदार मेजर प्रताप सिंह से बात भी हुई।

चंद्र सिंह दो अक्तूबर को लोहाघाट पहुंचा। जहां परिवार के लोगों ने माला पहनाकर, आरती उतारकर उसका स्वागत किया। बताया कि बेटा खोने के बाद मां ने उसे ढूंढने के हरसंभव प्रयास किए।

मां कमला देवी (86) लापता बेटा मिलने की खुशी सह नहीं सकी। अगले दिन 03 अक्तूबर को सुबह मां का निधन हो गया। 32 वर्ष पहले पति का निधन हो गया था।

अंतिम समय में वह अपनी मां से मिलकर प्यार और दुलार पा सका और वह भी बहुत कम समय के लिए। संयोग है कि मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने का उसे अवसर मिला है। वह अभी अकेला की गांव आया है। बाद में फिर परिवार के साथ गांव में आएगा।

Related Articles

Back to top button