अन्तर्राष्ट्रीय

49 दिनों तक प्रशांत महासागर में फंसे इस व्यक्ति ने जिंदा रहने के लिए किया ये सब…

इंडोनेशिया का रहने वाला एक 19 साल का युवक करीब 49 दिनों तक प्रशांत महासागर में अपनी नांव में फंसा हुआ था। हालांकि उसे पनामा फ्लैग वेसल पर सवार सुरक्षाकर्मियों ने बचा लिया और उसका इलाज करवाया। इलाज के बाद उसे जापान भेजा गया। जहां से वह 8 सितंबर को वह अपने घर पहुंचा। जानकारी के मुताबिक युवक का नाम आल्दी नोवेल आदिलांग है। इंडोनेशिया के सुलावेसी के रहने वाले आदिलांद ने बताया कि उसने जिंदा रहने के लिए लकड़ी से मछली पकड़कर खाई। इसके अलावा उसने अपनी टी शर्ट पानी में भिगोकर समुद्र का खारा पानी पिया।49 दिनों तक प्रशांत महासागर में फंसे इस व्यक्ति ने जिंदा रहने के लिए किया ये सब...

676 मील की दूरी की तय

आल्दी मुख्य रूप से रोमपोंग (मछली पकड़ने वाली नाव) पर लैंप जलाने का काम करता है। यह लैंप खास तरीके से डिजाइन किए जाते हैं, जिससे मछलियां इसकी ओर आकर्षित होती हैं। जिस जगह पर वह काम करता था वह समुद्र से 125 किमी अंदर है। 49 दिनों में उसने नाव से 676 मील (2,698 किमी) का सफर तय किया है।

कई बड़े शिप भी गुजरे, पर किसी ने नहीं की मदद

आल्दी को ढूंढने के लिए 10 शिप लगाए गए थे। 49 दिनों से ही एक दल गुआम में उसकी तलाश कर रहा था। आल्दी के बारे में बताते हुए इंडोनेशियन डिप्लोमेट फजर फिरदौस ने कहा कि कई बार उसने मदद मांगने के लिए अपने कपड़े उड़ाए, उसकी नाव के पास से कई बड़े जहाज भी गुजरे। लेकिन वह किसी को नहीं दिखा। आल्दी के पिता का कहना है कि वह बीते 3 सालों से इस काम को कर रहा है।

बच पाने की आस कम थी इसलिए खुदकुशी की भी कोशिश की

आल्दी ने बताया कि वह 14 जुलाई को समुद्र में फंसा था। दरअसल उस रात तेज हवाएं चल रही थीं। उतने ही उसकी फ्लोटिंग हट समुद्र के तेज बहाव में बह गई। उसके पास खाने पीने के लिए भी कुछ नहीं था। दो दिनों तक भूखा रहने के बाद उसने समुद्र से मछलियां पकड़र खाईं। खारे पानी के खारेपन को कम करने के लिए आल्दी पहले अपनी टी शर्ट को पानी में भिगोता था और फिर बाद में उससे पानी पीता था। उसने कहा कि हट में ही उसने लकड़ियों में आग जलाकर मछलियां भूनीं और उन्हें खाया। जब लगा कि अब बच पाना मुश्किल है तो समुद्र में कूदकर जान देने की भी कोशिश की लेकिन फिर परिवार की दी सीख याद आई कि मुश्किल घड़ी में भगवान को याद करना चाहिए।

Related Articles

Back to top button