तिरुवनंतपुरम । केरल के एक केंद्र में एक निजी कॉलेज के दो निम्न-श्रेणी के कर्मचारियों सहित पांच महिलाओं को बुधवार को नीट छात्राओं की तलाशी लेने और परीक्षा के दौरान उनके इनरवियर को कथित तौर पर उतरवाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। गिरफ्तार किए गए लोगों में मार थोमा कॉलेज, अयूर की एस. मरियम्मा और के. मरियम्मा, जहां यह घटना हुई, और गीता, ज्योत्सना जोबी और बीना, (जो केरल में परीक्षा आयोजित करने वाली निजी एजेंसी, स्टार ट्रेनिंग अकादमी के कर्मचारी हैं) के कर्मचारी हैं।
गिरफ्तार किए गए लोगों पर आईपीसी की धारा 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल) और धारा 509 (शब्द, हावभाव, या किसी महिला के शील का अपमान करने का इरादा) के तहत आरोप लगाए गए। एनटीए, (जो एनईईटी परीक्षा के संचालन के लिए जिम्मेदार है) ने तिरुवनंतपुरम में एक निजी एजेंसी को परीक्षा आयोजित करने का अनुबंध दिया था, और इसने करुणागपल्ली में एक एजेंसी को उप-अनुबंध दिया, जिसने 10 अप्रशिक्षित कर्मियों को नियुक्त किया।
चैकिग की शिकार हुई एक छात्रा ने कहा कि उसे जबरन अपने इनरवियर को उतारने के लिए मजबूर किया गया और जब उसने पूछा कि ऐसी स्थिति में वह परीक्षा कैसे लिख सकती है, तो महिलाओं ने उससे कहा कि हर छात्र इससे गुजर रहा है। मार थोमा कॉलेज, अयूर जहां यह घटना हुई, वहां छात्र संगठनों ने हिंसक विरोध प्रदर्शन किया। एसएफआई, केएसयू और एबीवीपी ने विरोध मार्च निकाला और कॉलेज में तोड़फोड़ की गई।
इस बीच, गिरफ्तार किए गए लोगों के परिवार अयूर पुलिस थाने के समक्ष विरोध कर रहे हैं, जिसे उन्होंने गलत गिरफ्तारी करार दिया है। ज्योत्सना के पिता जोबी ने मीडियाकर्मियों को बताया कि अरविंदक्षण पिल्लई नाम के एक व्यक्ति ने उनसे पूछा था कि क्या वह परीक्षा के दौरान कुछ लोगों को ड्यूटी के लिए उपलब्ध करा सकते हैं और उन्होंने प्रति व्यक्ति 500 रुपये की पेशकश की।
“मैंने सोचा था कि मेरी बेटी और उसके दोस्तों को एक अनुभव हो सकता है, क्योंकि वे घर पर बेकार बैठे थे और इसलिए सहमत हुए। दुर्भाग्य से यह मेरे बच्चे और उसके दोस्तों और अन्य लोगों के लिए एक प्रमुख मुद्दा बन गया।” कोल्लम जिले के करुणागपल्ली में अप्रशिक्षित लोगों को काम आउटसोर्स करने वाले एनटीए या स्टार ट्रेनिंग अकादमी ने मीडिया के सवालों का जवाब नहीं दिया है।
विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन और कोल्लम से सांसद एन.के. प्रेमचंद्रन ने मंगलवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ यह मामला उठाया। तथ्यान्वेषी दल परीक्षा केंद्र पर पहुंचेगा और परीक्षा के दौरान इनरवियर को हटाने सहित उन छात्रों से जानकारी लेगा, जिनकी तलाशी ली गई थी। शिक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि फैक्ट फाइंडिंग टीम द्वारा दी जाने वाली रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।