एक्सीडेंट में मां की मौत के बाद की तैयारी, पाया 14वां स्थान
यूपीएससी की परीक्षा में रोहतक जिले के कस्बे महम में वार्ड एक निवासी अंकिता चौधरी ने 14वां स्थान पाया है। अंकिता ने दसवीं व बारहवीं की परीक्षा इंडस स्कूल रोहतक से दी थी। उसके बाद हिंदू कॉलेज दिल्ली से बीएससी पास की, फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही कैमेस्ट्री ऑनर्स से डिग्री की। अंकिता के पिता महम शूगर मिल में अकाउंटेंट हैं। उनकी माता अंजु जेबीटी अध्यापिका थीं, जिनकी चार साल पहले सड़क हादसे में मौत हो गई थी। अंकिता के चाचा भोलू ढाका ने बताया कि बेटी की सफलता पर पूरे परिवार व शहरवासियों को नाज है। वह शुरू से ही मेहनती रही है।
बचपन से ही थी आईएएस अफसर बनने का लक्ष्य था
यूपीएससी की परीक्षा में रोहतक की 25 वर्षीय डॉ. अपराजिता 82वां रैंक पाया है। अपराजिता की बचपन से ही इच्छा थी कि वह बड़ी होकर आईएएस अधिकारी बनें और शुक्रवार को उन्होंने अपना यह सबसे बड़ा सपना सच कर दिखाया। डॉ. अपराजिता ने बताया कि उन्होंने 2016 में पीजीआईएमएस रोहतक से एमबीबीएस कर ली थी। इसके बाद एक जनवरी 2017 से यूपीएससी की तैयारी शुरू की और परिणाम सामने है। राजस्थान में पिता डॉ. अमर सिंह सिमसिमवार व माता डॉ. नीपन नारा अपनी सेवाएं दे रहे हैं। एक भाई एमबीबीएस कर चुका व दूसरा भाई अभी एमबीबीएस कर रहा है। डॉ. अपराजिता ने बताया कि अब वह महिला सशक्तिकरण व बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगी। इस परीक्षा के लिए उन्होंने रोजाना आठ घंटे और परीक्षा के कुछ दिन पहले रोजाना 11 घंटे पढ़ना शुरू किया। कोचिंग नहीं ली, बल्कि अपनी किताबें लाकर घर पर ही पढ़ाई की। एमबीबीएस का चयन उन्होंने अपने कैरियर को स्टेबल बनाए रखने के लिए किया था, जबकि लक्ष्य आईएएस अधिकारी बनना था।