शर्मनाक! पेंशन के लिए 2 किलोमीटर रेंगते हुए पंचायत ऑफिस पहुंची 70 साल की विकलांग महिला
क्योंझरः ओडिशा के क्योंझर जिले में 70 वर्षीय एक महिला के वृद्धावस्था पेंशन लेने के लिए अपने घर से पंचायत कार्यालय तक लगभग दो किलोमीटर तक घुटनों के बल चलकर पहुंचने का मामला सामने आया है। क्योंझर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी का गृह जिला है। बीमार बुजुर्ग महिला की पहचान पथुरी देहुरी के रूप में हुई है, जो रायसुआं ग्राम पंचायत की निवासी है और चल नहीं सकतीं। गांव की सड़क पर घुटनों के बल रेंगते हुए देहुरी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। रायसुआं ग्राम पंचायत के सरपंच बागुन चंपिया ने बताया कि उन्होंने टेलीविजन पर सड़क पर घुटनों के बल जाती हुई वृद्ध महिला की खबर और अखबारों में उसकी तस्वीरें देखने के बाद प्रशासन का ध्यान इस ओर आकर्षित किया।
इस वजह से पंचायत अधिकारी ने बुजुर्ग महिला को बुलाया था ऑफिस
सरपंच ने कहा, ‘‘मैंने गांव वालों से भी यह पता लगाया है कि महिला अपनी उम्र से संबंधित बीमारी के कारण ठीक से चल नहीं पाती है।” राज्य सरकार ने इससे पहले अधिकारियों को बुजुर्ग और दिव्यांग लाभार्थियों की पेंशन उनके घर तक पहुंचाने का निर्देश जारी किया था। हालांकि, देहुरी ने कहा कि एक पंचायत अधिकारी ने उन्हें मासिक पेंशन लेने के लिए कार्यालय जाने के लिए कहा था और शनिवार को उन्हें वहां पहुंचने के लिए घुटनों के बल रेंग कर जाना पड़ा।
ग्रामीणों के अनुसार महिला की उम्र 70 वर्ष है और उसके पास वहां पहुंचने के लिए कोई अन्य विकल्प नहीं था। संबंधित ग्राम पंचायत ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के गृह जिले क्योंझर के तेलकोई ब्लॉक के अंतर्गत आती है। तेलकोई प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) गीता मुर्मू ने मीडिया को बताया कि वृद्धावस्था पेंशन पहले देहुरी के बैंक खाते में भेजी जाती थी। हालांकि, जब देहुरी बीमार हो गईं और बैंक जाने में असमर्थता जताई तो स्थानीय प्रशासन ने उन्हें उनके घर जाकर पेंशन का भुगतान करना शुरू कर दिया है।
बीडीओ के मुताबिक, अब पंचायत अधिकारी को हर महीने देहुरी के घर जाकर वृद्धावस्था पेंशन का भुगतान करने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि उसे व्हीलचेयर भी मुहैया कराई गई है। रायसुआं के सरपंच ने कहा कि नागरिक आपूर्ति सहायक देहुरी को उनके घर पर ही राशन उपलब्ध कराएंगे। ओडिशा सरकार मधु बाबू पेंशन योजना और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना जैसी योजनाओं के तहत 42 लाख बुजुर्गों को पेंशन प्रदान करती है।