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7वां वेतन आयोग: साइकिल, ड्रेस और हेयर कटिंग जैसे भत्तों पर हुआ फैसला

वित्त सचिव अशोक लवासा की अगुवाई वाली एक उच्चस्तरीय समिति ने 47 लाख सरकारी कर्मचारियों के भत्तों पर अपनी रिपोर्ट गुरुवार वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपी. अशोक लवासा समिति का गठन पिछले साल जून में सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू किए जाने के बाद किया गया था.

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वेतन समिति ने अभिनय, खजांची की सहायता, साइकिल, मसाला, उड़न दस्ता, बालों की कटिंग, राजभाषा, राजधानी, पोशाक, जूता, शॉर्टहैंड, साबुन, चश्मा, यूनिफार्म, सतर्कता और धुलाई जैसे भत्तों को समाप्त करने या उन्हें समाहित करने का सुझव दिया था.

जेटली को रिपोर्ट सौंपने के बाद लवासा ने कहा कि समिति ने विभिन्न अंशधारकों द्वारा दिए गए सुझावों पर ध्यान दिया है. उन्होंने कहा कि अब इस रिपोर्ट की समीक्षा सचिवों की अधिकार प्राप्त समिति करेगी और उसके बाद इसके मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा.

समिति ने 196 भत्तों में से 52 को पूरी तरह समाप्त करने और 36 अन्य को अन्य बड़े भत्तों में समाहित करने का सुझाव दिया है. समिति ने आवास किराया भत्ते (एचआरए) में 8 से 24 प्रतिशत की वृद्धि का सुझाव दिया है. यदि वेतन आयोग की भत्तों पर सिफारिशों को पूरी तरह लागू किया जाता है तो एक अनुमान के अनुसार इससे सरकार पर 29,300 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. लवासा ने कहा कि सरकार सरकारी कर्मचारियों को संशोधित भत्तों के भुगतान की तारीख पर अंतिम फैसला करेगी.

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जानें 7वें वेतन आयोग से महंगाई भत्ते से जुड़ी 10 खास बातें:
1. केन्द्र सरकार के फॉर्मूले के मुताबिक महंगाई भत्ते पर 2 फीसदी की वृद्धि दी जाएगी जिसे 1 जनवरी 20176 से लागू किया जाएगा.

2. कर्मचारी यूनियनों का मानना है कि महंगाई भत्ता निर्धारित करने के लिए इंडस्ट्रियल वर्कर के लिए कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स को बेंचमार्क मानना हकीकत से अलग आंकड़े देते हैं.

3. यूनियन के मुताबिक सीपीआई एक काल्पनिक आंकड़ा है क्योंकि लेबर ब्यूरो का आंकड़ा हकीकत से दूर रहता है.

4. महंगाई भत्ता बढ़ाने के लिए औसत सीपीआई आंकड़ा 4.95 फीसदी रहना चाहिए जिसे जनवरी 1 से दिसंबर 31, 2017 बेंचमार्क मानना चाहिए.

5. केन्द्र सरकार अक्टूबर में मंहगाई भत्ते में 2 फीसदी का इजाफा कर चुकी है और उसे जुलाई 2016 से लागू किया था जिससे अब वह सिर्फ 2 फीसदी का इजाफा और करने जा रही है. केन्द्र सरकार पिछले 12 महीने का औसत खुदरा महंगाई का आंकड़ा लेकर महंगाई भत्ता निर्धारित करता है

6. वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी देने के बाद केन्द्र सरकार ने घोषणा की थी कि सभी कर्मचारियों को जनवरी 1, 2016 से बढ़ी हुई सैलरी और भत्ता मिलेगा लेकिन नोटबंदी लागू होने के बाद केन्द्र सरकार इस मुद्दे पर आखिरी फैसला लेने से कतरा रही है.

7. नोटबंदी का फैसला लेने के बाद मोदी सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों के भत्ते पर वेतन आयोग की सिफारिशों को देखने के लिए एक कमेटी गठित कर दी. इस कमेटी को वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का रास्ता तय करने के लिए भी कहा गया है.

8. सूत्रों के मुताबिक अशोक लवासा के नेतृत्व में बनी कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप चुकी है. लेकिन केन्द्र सरकार कर्मचारियों को भत्ता देने में सक्षम नहीं है क्योंकि नोटबंदी से देश में कैश की किल्लत केन्द्र सरकार को भी परेशान कर रही है .

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9. सातवें वेतन आयोग ने एचआरए में 138.71 फीसदी इजाफा किया है और अन्य भत्ते में 49.79 फीसदी की इजाफा करने का प्रस्ताव दिया है. पिछले कुछ महीनों के दौरान केन्द्र सरकार के कर्मचारियों की यूनियन वित्त मंत्रालय पर जल्द से जल्द भुगतान करने के लिए दबाव बना रही है. कर्मचारी यूनियन अपनी मांग को लेकर स्ट्राइक पर जाने की बात कर रही है.

10. चुनाव आयोग के निर्देश और 5 राज्यों में चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद अब केन्द्र सरकार कर्मचारियों के भत्ते पर कोई फैसले नहीं ले सकती. लिहाजा उम्मीद की जा रही है कि अब केन्द्रीय कर्मचारियों को चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.

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