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9.5 एकड़ में होगा नए संसद भवन का निर्माण, भू उपयोग में प्रस्तावित बदलाव की अधिसूचना जारी

संसद भवन, केंद्रीय सचिवालय और इसके आसपास राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैले हरित क्षेत्र में मौजूद सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास की महत्वाकांक्षी योजना आकार लेने लगी है और इसके लिए आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय जमीन भी चिह्नित कर चुका है। इस योजना के तहत राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट के बीच लगभग तीन किमी क्षेत्र में 100 एकड़ से अधिक जमीन पर संसद भवन, केंद्रीय सचिवालय और सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास की योजना को मूर्त रूप दिया जाएगा।

दिल्ली में जमीन के मामलों का प्रबंधन करने वाली केंद्रीय एजेंसी दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने इस इलाके में लगभग 100 एकड़ जमीन को सात प्लॉट में बांट कर इनके मौजूदा भू-उपयोग में प्रस्तावित बदलाव की अधिसूचना 21 दिसंबर को जारी कर दी। डीडीए ने इस पर लोगों से 30 दिन के भीतर सुझाव या आपत्तियां मांगी हैं।

आर्किटेक्ट कंसल्टेंसी कंपनी ‘एचसीपी डिजायन’ बनाएगी डिजायन
आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने योजना के डिजायन के लिए गुजरात की आर्किटेक्ट कंसल्टेंसी कंपनी ‘एचसीपी डिजायन’ का चयन करने के बाद तीनों योजनाओं के लिए जमीन चिन्हित की है। इसके तहत 9.5 एकड़ जमीन संसद भवन की नई इमारत के लिए, 76.6 एकड़ जमीन केंद्रीय सचिवालय और 15 एकड़ जमीन आवास निर्माण के लिए इस्तेमाल में लाने का प्रस्ताव है।

नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक में नहीं होगा कोई बदलाव
उल्लेखनीय है कि इसकी पूर्व निर्धारित कार्ययोजना के तहत मौजूदा संसद भवन और प्रमुख मंत्रालयों से जुड़ी इमारतें, नॉर्थ ब्लॉक एवं साउथ ब्लॉक यथावत रहेंगी। समय की मांग के मुताबिक जरूरतें पूरा करने में असमर्थ साबित हो रही संसद भवन की मौजूदा इमारत के सामने ही 9.5 एकड़ जमीन पर संसद की नई इमारत और विभिन्न स्थानों पर बिखरे सभी केंद्रीय मंत्रालयों को एक ही स्थान पर बनाने के लिए 76.6 एकड़ जमीन पर भव्य और विशाल केंद्रीय सचिवालय बनाने की योजना है।

अधिसूचना के अनुसार, डीडीए ने संसद भवन की नई इमारत के लिए जिस ‘प्लाट संख्या दो’ का भू उपयोग बदलने का प्रस्ताव दिया है वह मौजूदा संसद भवन के पीछे उत्तर में रेड क्रॉस रोड, दक्षिण में रायसीना रोड और पश्चिम में संसद भवन तक 9.5 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है।

प्रधानमंत्री कार्यालय के पास ही बनेगा प्रधानमंत्री आवास
मंत्रालय ने हालांकि इस योजना के तहत प्रधानमंत्री आवास को केंद्रीय सचिवालय के आसपास बनाने की अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, साउथ ब्लॉक स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय के पास ही प्रधानमंत्री आवास भी बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास अभी लोक कल्याण मार्ग पर स्थित है।

डीडीए की अधिसूचना में सिर्फ एक प्लाट (प्लाट संख्या सात) का भू उपयोग बदलकर ‘आवासीय’ करने का प्रस्ताव है। यह प्लाट उत्तर में साउथ ब्लॉक, दक्षिण में दारा शिकोह रोड, पूर्व में साउथ ब्लॉक का हिस्सा और पश्चिम में राष्ट्रपति भवन के दरम्यान 15 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है।

पांच प्लाटों का प्रयोग सरकारी कार्यालय एवं मनोरंजन पार्क बनाने में होगा
अधिसूचना में अलग अलग क्षेत्रफल के प्लाट संख्या एक, तीन, चार, पांच और छह का भू-उपयोग सरकारी कार्यालय एवं मनोरंजन पार्क में तब्दील करने का प्रस्ताव है। इनमें डीटीसी के केंद्रीय टर्मिनल बस स्टैंड से चर्च रोड, नॉर्थ ब्लॉक और राष्ट्रपति भवन के बीच 15 एकड़ का प्लाट संख्या एक, राजेंद्र प्रसाद रोड से लेकर पश्चिम में शास्त्री भवन और पूर्व में जनपथ के बीच राष्ट्रीय अभिलेखागार तक 7.7 एकड़ का प्लाट संख्या तीन और राजेंद्र प्रसाद रोड के दक्षिण और जनपथ के पूर्व में मानसिंह रोड तक 24.7 एकड़ में फैला प्लाट संख्या चार शामिल है।

24.7 एकड़ आकार के प्लाट संख्या छह में भी सिर्फ सरकारी कार्यालय बनाने हेतु भू उपयोग में बदलाव का प्रस्ताव है। यह प्लाट मौलाना आजाद रोड के उत्तर और जनपथ से पूर्व दिशा में मानसिंह रोड तक विस्तृत है।

अधिसूचना में सरकारी कार्यालयों के लिए प्रस्तावित 76.6 एकड़ के पांच प्लाट में 1.88 एकड़ के तीन भूखंड चिन्हित किए गए हैं जिन पर मनोरंजन पार्क आदि बनाये जाने का प्रस्ताव है।

उल्लेखनीय है कि परियोजना के तहत एक साल के भीतर सेंट्रल विस्टा के हरित क्षेत्र को विकसित करने के अलावा आजादी की 75वीं सालगिरह पर अगस्त 2022 तक नए संसद भवन और 2024 तक एकीकृत केंद्रीय सचिवालय का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।

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