91 अपराधिक छवि वाले उम्मीदवार, 200 करोड़पति और सिर्फ 9 फीसद महिला प्रत्याशी
एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की सोमवार को नई दिल्ली में जारी रिपोर्ट कहती है, ‘637 उम्मीदवारों के विश्लेषण के अनुसार उनमें से 200 (करीब 31 फीसद) प्रत्याशी करोड़पति हैं।’
जेएनएन। उत्तराखंड में 15 फरवरी को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मैदान में 200 यानी कुल 31 फीसद करोड़पति उम्मीदवार भी उतरे हैं। चुनाव मैदान में उतरे कुल 637 में से 91 यानी 14 फीसद उम्मीदवारों ने बताया है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 54 यानी 8 फीसद उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक केस दर्ज हैं।
विधानसभा चुनाव में 5 उम्मीदवार ऐसे भी हैं, जिन्होंने बताया है कि उनके ऊपर हत्या की कोशिश के मामले चल रहे हैं। 5 उम्मीदवारों के ऊपर महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामले दर्ज हैं।एडीआर ने कहा, ‘भाजपा के 19, कांग्रेस के 17, बसपा के सात, उत्तराखंड क्रांति दल के चार, सपा के दो और 32 निर्दलीय उम्मीदवारों ने हलफनामों में अपने आपराधिक मामले चलने की घोषणा की है।’
भाजपा के 70 में से 10 (14 फीसद), कांग्रेस के 12 (17 फीसद), बसपा के 6 (9 फीसद), यूकेडी के 3 (6 फीसद), सपा के 2 (10 फीसद), निर्दलीय में से 14 (5) फीसद उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। महिलाओं के लिए संसद और विधानसभाओं में 33 फीसद आरक्षण की बात बार-बार उठती रहै है, लेकिन जब आधी आबादी को टिकट देने की बात आती है तो राजनीतिक दल पीछे हट जाते हैं। विधानसभा चुनाव में कुल 56 यानी सिर्फ 9 फीसद महिलाएं उत्तराखंड के चुनाव मैदान में हैं।
नई दिल्ली के एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की सोमवार को नई दिल्ली में जारी रिपोर्ट कहती है, ‘637 उम्मीदवारों के विश्लेषण के अनुसार उनमें से 200 (करीब 31 फीसद) प्रत्याशी करोड़पति हैं।’एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी हिसाब से कांग्रेस के कुल 70 उम्मीदवारों में से 51 करोडपति हैं, जबकि भाजपा के 70 प्रत्याशियों में से 48 करोड़पति हैं। बसपा के 69 उम्मीदवारों में 19, यूकेडी के 55 उम्मीदवारों में 13, सपा के 20 उम्मीदवारों में चार, और 261 निर्दलीय उम्मीदवारों में 53 ने अपने पास एक करोड़ से अधिक की संपत्ति होने की घोषणा की है।
रिपोर्ट के अनुसार ऐसे उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 1.57 करोड़ रुपये की है। कुल 78 उम्मीदवारों ने अपना पैन ब्यौरा नहीं दिया है। एडीआर का कहना है कि सबसे अधिक संपत्ति वाले तीन शीर्ष उम्मीदवार भाजपा के सतपाल महाराज (80 करोड़ रुपये), निर्दलीय मोहन प्रसाद काला (75 करोड़ रुपये) और भाजपा के शैलेंद्र मोहन सिंघल (35 करोड़ रुपये) हैं. मुख्यमंत्री हरीश रावत के पास छह करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है।
उत्तराखंड के चुनावी मैदान में तीन ऐसे भी उम्मीदवार हैं जिनकी संपत्ति का ब्यौरा देखकर कोई भी चौंक जाएगा। जी हां हरिद्वार की मंगलौर सीट से बहुजन मुक्ति पार्टी के उम्मीदवार सुनील कुमार और चंपावत जिले के लोहघाट से निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र सिंह के पास मात्र 5-5 सौ रुपये की संपत्ति है। चमोली की बद्रीनाथ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रही अरुणा की कुल संपत्ति 11 सौ रुपये है।
आमदनी अठ्ठनी और खर्चा रुपया – ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी। ऐसे उम्मीदवार भी उत्तराखंड के चुनावी मैदान में हैं। उधमसिंह नगर में काशीपुर से भाजपा प्रत्याशी हरभजन सिंह चीमा की कुल संपत्ति 5 करोड़ 52 लाख से ज्यादा है, लेकिन उन पर देनदारी 21 करोड़, 65 लाख से ज्यादा की है। इसमें से भी 17 करोड़, 41 लाख की विवादित देनदारी है।
अल्मोड़ा जिले में सल्ट सीट से मौजूदा भाजपा विधायक और उम्मीदवार सुरेंद्र सिंह जीना की कुल संपत्ति जहां 10 करोड़ 53 लाख के करीब है, वहीं उन पर देनदारी करीब 7 करोड़ की बनती है। राज्य में मंत्री और देहरादून जिले के विकासनगर से कांग्रेस उम्मीदवार नव प्रभात की कुल चल संपत्ति 9 करोड़ 73 लाख से ज्यादा है। उधमसिंह नगर गदरपुर से कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र पाल सिंह की चल संपत्ति 8 करोड़ 10 लाख से ज्यादा है और नैनीताल जिले में रामनगर से निर्दलीय प्रत्याशी विचित्र सिंह की कुल चल संपत्ति 5 करोड़ 47 लाख से ज्यादा है। लेकिन इन तीनों ने ही आयकर घोषित नहीं की है।
शिक्षा के मोर्चे पर 256 उम्मीदवारों ने अपनी शिक्षा पांचवीं पास से लेकर 12वीं पास तक बतायी है। 340 उम्मीदवारों ने स्नातक या उससे अधिक तक की शिक्षा अर्जित करने की घोषणा की है। 393 उम्मीदवार 25-50 वर्ष उम्रवर्ग के हैं, जबकि 238 प्रत्याशी 51-80 साल के हैं। चुनाव मैदान में 56 महिला उम्मीदवार भी हैं।