आम खाने के बदले खानी पड़ी हवालात की हवा
वाराणसी। आपने बचपन में एक कहानी जरूर पढ़ी-सुनी होगी। किस तरह दो बिल्लियां अपनी रोटी के बराबर बंटवारे के लिए बंदर के पास जाती हैं और तराजू से बराबर बांटते-बांटते बंदर ही पूरी रोटी खा जाता है। यूपी में ऐसा ही एक मामला सामने आया है।
वाराणसी के मुंगवार गांव में रामजी यादव और हकीम यादव का साझा आम का पेड़ है। बीते शुक्रवार की शाम रामजी ने पेड़ से 24 आम तोड़े। कायदे से हकीम को 12 आम मिलने थे, लेकिन उसका कहना है कि उसे महज छह आम दिए गए। वह शेष छह आम के लिए हल्ला करने लगा।
बात बिगड़ी तो हकीम ने पुलिस बुला ली। रजतलाब पुलिस आउटपोस्ट से इनचार्ज सब-इंसपेक्टर दीनदलाल पाण्डेय मौके पर पहुंचे। उन्होंने रामजी और हकीम को समझाने की कोशिश की, लेकिन फायदा नहीं हुआ। पाण्डेयजी ने यह सुझाव भी दिया कि हकीम पेड़ से छह और आम तोड़ ले, लेकिन दोनों राजी नहीं हुए।
समझाइश के कई दौर चले लेकिन समस्या तस की तस बनी रही। मामला सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट त्रिभूवन राम के पास गया। उन्होंने भी दोनों पक्षों को समझौता करने को कहा, लेकिन दोनों ने इनकार कर दिया।
गुस्साए सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट ने पुलिस को आदेश दिया कि रामजी और हकीम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली जाए। शांति भंग करने के केस दर्ज होते ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही पेड़ से तोड़े गए 24 आम भी जब्त कर लिए गए हैं।