एजेंसी/ नयी दिल्ली : सरकार ने रसोई गैस डीलरशिप में 33 फीसदी एजेंसियां महिलाओं के लिए आरक्षित करने का फैसला किया है। तेल एंव प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो वर्ष की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया कि रसोई गैस वितरक के लिए एकीकृत दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं। इसमें 33 प्रतिशत एजेंसियां महिलाओं के आरक्षित रहेंगी। 3 प्रतिशत एजेंसियां दिव्यांगों के लिए आरक्षित होंगी। इस मौक पर उन्होंने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लिए टोल फ्री नंबर 1800 2666 696 और वेबसाइट भी शुरू की।
टोल फ्री नंबर पर फिलहाल हिन्दी में जानकारी मिलेगी। धीरे-धीरे सभी भाषाओं में जानकारी मुहैया कराई जायेगी। प्रधान ने कहा कि रसोई गैस सुगमता से उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार ने कई और कदम उठाये हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँच बढ़ेगी और रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। चार तरह के वितरक शहरी, रूर्बन, ग्रामीण और दुर्गम नियुक्त किये जायेंगे। इसके अलावा आयु, शिक्षा, धन की जरूरत, गोदाम और शोरूम के लिए जमीन की जरूरत की शर्तों में भी ढील दी गयी है। दुर्गम क्षेत्रों में रसोई गैस पहुंचाने के लिए एलपीजी सुविधा केन्द्र की शुरूआत की जायेगी।
राज्य सरकारों के सक्रिय सहयोग से दुर्गम क्षेत्रों में एलपीजी वितरक की श्रृंखला को मजबूत किया जायेगा। प्रधान ने बताया कि वर्ष 2016 मंत्रालय ”उपभोक्ता वर्ष के रूप में मना रहा है और इसी कड़ी में उपभोक्ताओं को सुविधा प्रदान करने के लिए 10 हजार नये एलपीजी वितरक नई प्रक्रिया के तहत नियुक्त करेगी जिससे कि 2018 तक पूरे देश में स्वच्छ ईंधन पहुंचाने के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। फिलहाल दो हजार वितरकों को नियुक्त करने का काम शुरू किया जा चुका है और शेष आठ हजार दो चरणों में नियुक्त किये जायेंगे। फिलहाल देश में 16 हजार एलपीजी वितरक हैं।