मथुरा हिंसा जा पहुंची सर्वोच्च न्यायालय
एजेंसी/ नई दिल्ली : उत्तरप्रदेश के मथुरा में जो हिंसा हुई उसे लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता अश्विनी उपाध्याय ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी। इसे लेकर सीबीआई जांच की मांग की गई है। इस याचिका में यह कहा गया कि रामवृक्ष यादव 2014 में अपनी सरकार चला रहा था। उसने अपनी सेना भी रख रखी थी। इस मामले में यह कहा जा रहा है कि सरकार के समर्थन के बिना इस तरह किया जाना संभव नहीं था।
यही नहीं इस याचिका में यह बताया गया कि आरोपी रामवृक्ष यादव ने सबूत मिटाने का कार्य भी किया। राज्य सरकार ने मथुरा के कलेक्टर राजेश कुमार और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह को हटा दिया गया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस मामले पर ध्यान दिया। इसके बाद उन्होंने ट्वीटर पर ट्विट किया। जिसमें उन्होंने कहा कि मथुरा के नए डीएम निखिल शुक्ला और नए एसएसपी बबलू कुमार होंगे।
दरअसल राज्य सरकार द्वारा कहा गया कि जवाहर बाग में पुलिस अवैध कब्जा जमाए हुए लोगों को हटाने की कार्रवाई में खतरों का सही अंदाजा नहीं लगा सकी थी। जवाहर बाग में अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध पुलिस कार्रवाई के अंतर्गत हुई हिंसा को लेकर केंद्र सरकार ने राज्य सरकार पर सवाल उठाए थे। इस दौरान केंद्र सरकार में बैठे लोगों ने इसे राज्य सरकार की नाकामी बताया। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि शिवपालसिंह यादव से इस मामले में इस्तीफा मांगा गया।
उन्होंने कहा कि जब सरकार इस तरह की घटनाओं को रोकने में असफल रही है तो फिर यादव को इस्तीफा दे देना चाहिए। उनका कहना था कि आखिर अतिक्रमणकारियों के पास भारी मात्रा में असलाह और बारूद कहां से आए। इसे लेकर कई तरह के सवाल किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि मथुरा के जवाहरबाग में गुरूवार को हुई हिंसा में 24 लोगों की मृत्यु हो गई। इस घटना में 2 पुलिस अधिकारी शहीद हो गए। इस मामले का मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव पुलिस के साथ हुई गोलीबारी में मारा गया। करीब 11 और लोगों का सोमवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया।