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भारतीय क्रिकेट के लिए ऐतिहासिक है 25 जून का दिन
एजेंसी/ भारतीय क्रिकेट के लिए आज का दिन (25 जून) इस मायने में ऐतिहासिक है कि उसने 1983 में इसी दिन पहली बार विश्व कप जीता था। कपिल देव की अगुआई वाली भारतीय टीम ने सभी को चौंकाते हुए ऐसा कारनामा कर दिखाया था जिसके बारे में किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। भारत ने दो बार के विजेता और वैश्विक क्रिकेट में अपराजेय समझे जाने वाले वेस्टइंडीज को धराशायी कर यह इतिहास रचा था। जिम्बाब्वे के खिलाफ ग्रुप मैच में बेहद खराब स्थिति के बाद कपिल देव की कप्तानी पारी (175) की मदद से टीम इंडिया ने वापसी की थी।
- 183 के मामूली स्कोर पर सिमटा था भारत : ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत की पारी 54.4 ओवरों में 183 के मामूली स्कोर पर सिमट गई थी। भारत की तरफ से के. श्रीकांत ने सर्वाधिक 38, संदीप पाटिल ने 27 और मोहिंदर अमरनाथ ने 26 रनों का योगदान दिया था।
- वेस्टइंडीज की हुई तूफानी शुरुआत के बाद कपिल ने लपका शानदार कैच : मजबूत वेस्टइंडीज के लिए 184 का लक्ष्य मामूली माना जा रहा था। इंडीज एक वक्त 1 विकेट पर 50 रन बनाकर आसानी से जीत की तरफ बढ़ता दिख रहा था। विवियन रिचर्ड्स जबर्दस्त फॉर्म में थे और 27 गेंदों में 7 चौकों की मदद से 33 रन बना चुके थे। तभी मदनलाल की गेंद पर कपिल देव ने उनका अविस्मरणीय कैच लपका। कपिल ने पीछे की तरफ लंबी दौड़ लगाते हुए यह शानदार कैच लपका और कैरेबियाई रन गति पर कुछ अंकुश लगा।
- कैरेबियाई पारी लड़खड़ाई : इसके बाद वेस्टइंडीज की पारी लड़खड़ा गई। एक समय 57 रनों पर 3 विकेट खोने के बाद कैरेबियाई टीम 76 रनों पर 6 विकेट खोकर गहरे संकट में नजर आई। इसके बाद ज्यॉफ डुजोन (25) और मैल्कम मार्शल (18) टीम को संकट से उबारते दिख रहे थे तभी मोहिंदर अमरनाथ ने मोर्चा संभाला। अमरनाथ ने डुजोन को आउट कर मैच का रूख पूरी तरह भारत के पक्ष में मोड दिया। उन्होंने इसके बाद मैल्कम मार्शल को चलता किया और माइकल होल्डिंग को एलबीडब्ल्यू कर भारत को ऐतिहासिक सफलता दिला दी। वेस्टइंडीज की पारी 140 रनों पर सिमट गई और भारत ने हैरतअंगेज ढंग से 43 रनों से जीत दर्ज कर विश्व कप जीत लिया। अमरनाथ को मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया।