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केन्द्रीय कर्मियों की हड़ताल अनुचित, प्राइवेट एम्प्लॉय से ज्यादा है सैलरी: जेटली

l_arun-jaitley-1467222308नई दिल्ली।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की घोषणा के मद्देनजर केन्द्रीय कर्मचारियों की हड़ताल पर जाने की घोषणा को अनुचित बताते हुए कहा कि इसके लागू होने पर उनका वेतन निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की तुलना में अधिक हो जायेगा। 

जेटली ने  चर्चा में कहा कि सातवें वेतन आयोग ने आईआईएम अहमदाबाद से एक अध्ययन कराया था, जिसमें यह पता चला है कि केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन वर्तमान में सात हजार रुपये है जो 125 फीसदी महंगाई भत्ता तथा दूसरे भत्ते मिलाकर 22 हजार रुपये से अधिक हो जाता है, जबकि निजी क्षेत्र के कर्मचारियों का औसत न्यूनतम वेतन नौ हजार रुपये है।

उन्होंने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने पर न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये होगा जबकि क्लास एक अधिकारी का प्रारंभिक वेतन 56,100 रुपये होगा। उन्होंने कहा कि इन सिफारिशों के लागू से घरेलू मांग भी बढ़ेगी और लोगों की बचत में भी बढ़ोतरी होगी जिससे अर्थव्यवस्था को लाभ होगा। हालाँकि, इससे महँगाई में भी कुछ बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि बजट से पहले सिफारिशें मिलने की वजह से बजट में इसके लिए प्रावधान किये जाने से सरकारी राजस्व पर अधिक बोझ नहीं पड़ेगा। 

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