बेंगलुरु: लापरवाही बरतने के आरोप में तीन पुलिसकर्मियों के निलंबन के बाद अब राज्य बाल अधिकार आयोग ने होसकोट्टे पुलिस और स्थानीय सरकारी स्कूल को आदेश दिया है कि तीन छात्रों के साथ हुई मारपीट के मामले में आरोपियों के साथ 12 जुलाई को वो ऐक्शन टेकेन रिपोर्ट के साथ आयोग के सामने हाज़िर हों।
किताब दुकान के मालिक ने की थी पिटाई
दरअसल 30 जून को होसकोट्टे के सरकारी स्कूल के तीन छात्र किताबों की दुकान में किताब खरीदने गए। जब वो वापस लौट रहे थे तो किताब दुकान के मालिक ने अपने 7 दूसरे साथियों के साथ इन्हें पकड़ लिया और एक सुनसान इलाके में ले गया। वहां उनके कपड़े उतार कर बेरहमी से पिटाई की ये कहते हुए कि इन्होंने दुकान से रुपये चुराए हैं।
इस मारपीट की मोबाइल के ज़रीए विडियो रिकॉर्डिंग की गयी। इस वीडियो में दिख रहा है कि एक 25 साल के आसपास का युवा हाथ में छड़ी लेकर इनकी बेरहमी से पिटाई करता है।
एक दूसरे शॉट में इसके साथ तक़रीबन 14 साल के आसपास के एक लड़के को लिटाकर उसके दोनों हाथों पर खड़ा हो जाता है और एक दूसरा युवक छड़ी से इसकी पिटाई करता है।
वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस आई हरकत में
इन लड़कों के परिवार वालों ने इन्हें बचाया और पुलिस में मामला दर्ज किया लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इसी बीच ये वीडियो वायरल हो गया। तब बेंगलुरु ग्रामीण के एसपी अमित सिंह ने जांच की तो पाया कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। ऐसे में एक सब इंस्पेक्टर और दो कांस्टेबलों को ससपेंड कर दिया गया।
अब राज्य बाल अधिकार आयोग ने समन जारी किया है। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके खिलाफ अब मारपीट के साथ-साथ अपहरण और POCSO एक्ट की धाराओं के तहत मामले दर्ज किए जा रहे हैं।