भारत के IT सेक्टर पर बेरोजगारी की मार, छिनेंगी साढ़े छह लाख नौकरियां
एजेंसी/ मुंबई| भारत में अगले पांच सालों में आईटी क्षेत्र में करीब साढे छह लाख लोगों की नौकरियां छिन सकती हैं। अमेरिकी आधारित एक शोध फर्म ने इस बात का अनुमान लगाया है।
शोध में कहा गया है कि कम दक्षता वाली नौकरियां जैसे ऑटोमेशन में यह छंटनी होगी। हालांकि, भारत के आईटी क्षेत्र के जानकारों ने सावधान रहने की हिदायत देते हुए कहा कि सिक्के का दूसरा पहलू भी है जिसमें बड़ी तादाद में नए रोजगार के सृजन हो रहे हैं।
एचएफएस ने बताया है कि साल 2021 तक वैश्विक स्तर पर आईटी सेक्टर में करीब 9 फीसदी की गिरावट देखने को मिलेगी। यानि करीब 1.4 मिलियन लोग अपनी नौकरी से हाथ धो बैठेंगे। इसका असर फिलिपिंस, यूनाइटेड किंगडम और यूनाइटेड स्टेट्स जैसे देशों पर भी पड़ेगा।
आईटी इंडस्ट्री की एक संस्था द नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नेस्कॉम) ने कहा कि इस रिपोर्ट में सभी नौकरियों को ठीक तरीके से नहीं दर्शाया गया है क्योंकि नौकरियां नई टेक्नोलॉजी से सृजित होती हैं। एक दैनिक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, नेस्कॉम के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट संगीता गुप्ता ने कहा कि ऑटोमेशन का कुछ असर आईटी सेक्टर पर होगा। लेकिन ऐसा मानते हैं है कि टेक्नोलॉजी के अपनाने से और नौकरियां बढ़ेंगी। आईटी-बीपीओ के क्षेत्र में करीब 3.7 मीलियन लोग काम कर रहे हैं।
लेकिन, ऑटोमेशन को लेकर सबसे ज्यादा असर बीपीओ और इन्फ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट स्पेस पर रहेगा जो ऑटोमेशन को अपना रहे हैं। एचएफएस रिपोर्ट में कहा गया है कि कम दक्षता वाली नौकरियां में करीब 30 फीसदी की गिरावट आएगी, जबकि मध्यम दक्षता वाली नौकरियां में 8 फीसदी इजाफा होगा और उच्च दक्षता वाली नौकरियों में करीब 56 फीसदी की जबदस्त बढ़ोतरी होगी।