दर्ज होगा गोहत्या का मुकदमा इकलाख समेत सात परिजनों पर
एजेंसी/ राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में रहे दादरी के बिसाहड़ा कांड ने नया मोड़ ले लिया है। न्यायालय ने मृतक इकलाख, उसके बेटे सहित परिवार के सात लोगों के खिलाफ पशु क्रूरता व गोहत्या अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। आदेश का इंतजार कर रही जारचा कोतवाली पुलिस शुक्रवार को मामला दर्ज करेगी।
बिसाहड़ा गांव के रहने वाले सूरजपाल की अर्जी पर सुनवाई करते हुए जिला न्यायालय के न्यायिक मजिस्ट्रेट विजय कुमार ने यह आदेश दिया। उन्होंने नौ जून को न्यायालय में अर्जी दाखिल की थी कि इकलाख व उसके भाई जान मुहम्मद, मां असगरी, पत्नी इकरामन, बेटा दानिश, छोटी बेटी शाइस्ता और बड़ी बेटी सोना के खिलाफ गोहत्या अधिनियम व पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाए।
ग्रामीण पक्ष के अधिवक्ता राजीव त्यागी ने बताया कि मथुरा लैब की रिपोर्ट व पीड़ित पक्ष द्वारा जमा कराए गए सुबूतों के आधार पर न्यायालय ने आदेश दिया है कि मामला पशु क्रूरता व गोहत्या अधिनियम दोनों ही धाराओं में दर्ज किया जाए।
इस संबंध में छह जुलाई को न्यायालय में घटनास्थल पर मिले मांस के टुकड़े के फोटो बतौर साक्ष्य जमा कराए गए थे। साक्ष्य के आधार पर ही पिछले सोमवार को बहस हुई थी और न्यायालय ने फैसला सुरक्षित कर लिया था।
गौरतलब है कि पिछले साल 28 सितंबर की रात गोहत्या की सूचना पर उप्र के गौतमबुद्धनगर के दादरी तहसील र्स्थित बिसाहड़ा गांव के युवकों ने इकलाख की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। उसके बेटे दानिश को पीटकर अधमरा कर दिया गया था। इसके बाद गांव के 19 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
इनमें से एक युवक चूंकि बाहर था, इसलिए पुलिस ने जांच में उसे क्लीन चिट दे दी थी। बाकी 18 युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इसमें से दो नाबालिगों को न्यायालय से जमानत मिल चुकी है। 16 आरोपी अभी जेल में ही हैं।
पुलिस व प्रशासन के द्वारा दावा किया जा रहा था कि घटना स्थल से बरामद मांस गौवंश का नहीं था। सरकार भी यही बात दोहरा चुकी थी लेकिन 31 मई को मथुरा लैब की रिपोर्ट में स्पष्ट कर दिया गया था कि इकलाख के घर से बरामद मांस गौवंश का ही था। इस पर पुलिस व प्रशासन को मुंहकी खानी पड़ी थी।
ग्रामीण लंबे समय से कर रहे थे मांग
ग्रामीण इकलाख पक्ष के खिलाफ गोहत्या की रिपोर्ट दर्ज करने और लैब की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग लंबे अरसे से कर रहे थे। मामले में प्रदेश सरकार पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए नाराज ग्रामीणों ने दस महीने तक लगातार किसी भी तरह का सरकारी लाभ नहीं लिया था।
गांव में विकास कार्य कराने से तक से इन्कार कर गांव के दोनों प्राइमरी विद्यालयों में मिड डे मील नहीं बंटने दिया था। इंटर कॉलेज समेत दोनों स्कूल भी बंद करा दिये थे और साठ गांवों की पंचायत बुलाने का एलान कर दिया था।
कई बार गर्माया गांव का माहौल
इस बीच कई बार गांव का माहौल भी गर्माया। इससे जिला प्रशासन बैकफुट पर तो आया लेकिन उसने गोहत्या की रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया था।
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस संबंध में पत्र लिखा था। पर कहीं सुनवाई नहीं हुई। जारचा कोतवाली ने तहरीर पर रिपोर्ट नहीं दर्ज की तो ग्रामीण कोर्ट की शरण में चले गए थे।
इकलाख के परिजन
1- जान मुहम्मद : भाई
2- असगरी : मां
3- इकरामन : पत्नी
4- दानिश : बेटा
5- शाइस्ता : छोटी बेटी
6- सोना : बड़ी बेटी