लखनऊ (दस्तक ब्यूरो), पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही सियासी दलों में सरगर्मी बढ़ गई है, छह महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए इन चुनावों के खास मायने हैं। कांग्रेस दिल्ली, राजस्थान और मिजोरम में सत्तारूढ़ है, जबकि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार है। दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच है। जबकि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप (आम आदमी पार्टी) दिल्ली में भाजपा और कांग्रेस दोनों को चुनौती देती दिख रही है। मोदी के लिए भी ये चुनाव खास चुनौती वाले होंगे।
भाजपा और कांग्रेस के लिए इन पांच राज्यों के चुनाव लोकसभा का रिहर्सल है। इनके नतीजे दोनों पार्टी की वास्तविक स्थिति साफ करेगी। साथ ही दोनों प्रमुख दल लोकसभा के लिए अपने-अपने गढ़ों में पेशबंदी करेंगे। हालांकि दोनों पार्टियों विधानसभा चुनावों में अपने-अपने राज्यों में फिर से जीत का दावा ठोंक रहे हैं। भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी ने कहा है कि मंहगाई और भ्रष्टाचार से त्रस्त जनता इस बार कांग्रेस को दिल्ली समेत अन्य राज्यों से सत्ता से बाहर कर देगी। उन्होंने दावा किया कांग्रेस के कुशासन से भाजपा ही लोगों को राहत दे सकती है। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया कि कांग्रेस सभी पांच राज्यों में भारी जीत दर्ज करेगी। इसी बीच अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में ‘आप’ का अंडरकरंट है। उन्होंने कहाकि आप त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में किसी भी दल को समर्थन नहीं देगा। अरविंद का कहना है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। अन्होंने कहाकि अगर उनकी सरकार बनी तो जनलोकपाल बिल तत्काल लागू करेंगे।
अब देखना है कि मोदी का जादू क्या इन पांच राज्यों में अपना कोई असर छोड़ता है या नहीं। मोदी के लिए यही परीक्षा की घड़ी होगी। इन राज्यों में भाजपा को कुर्सी तक पहुंचाने में नमो का जादू कितने वोट बटोरेगा यह कयास भाजपा के रणनीतिकार लगाने में जुट गए हैं।
अभी कुछ दिन पहले दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में मोदी ने शीला सरकार को नकारा सरकार करार दिया था। मोदी के कांग्रेस पर किए हमलों से मंच पर बैठे दिल्ली के भाजपा नेता काफी उत्साहित भी दिखे थे। वहीं कांग्रेस राहल गांधी को मोदी के खिलाफ प्रचार में उतारने की तैयारी में है। बता दें कि अगस्त में दिल्ली में एक खास बैठक कर राहुल ने अपने सिपहसालारों को मोदी के हमलों का जवाब देने के लिए एक वर्कशॉप कराई। इसके लिए कुछ खास लोगों को ही बयान देने और सोशल साइटस पर अपनी बात रखने के लिए अधिकृत किया था। आने वाले दिनों में सियासी माहौल और गरमाएगा।