स्कॉर्पीन पनडुब्बी की अहम जानकारियां
मुंबई। मझगांव डॉक लिमिटेड :एमडीएल: ने आज कहा कि स्कॉर्पीन पनडुब्बी से संबंधित अहम जानकारियां उसकी ओर से लीक नहीं हुई हैं और वह इस मामले की जांच में नौसेना की सहायता कर रही है। स्कॉर्पीन पनडुब्बी का निर्माण एमडीएल में ही किया जा रहा है।
भारतीय नौसेना के लिए मुम्बई में एक फ्रांसीसी कंपनी के सहयोग से निर्मित होने वाली छह बेहद उन्नत पनडुब्बियों की क्षमताओं से जुड़ी अत्यंत गुप्त सूचना लीक होने के एक दिन बाद एमडीएल के एक अधिकारी ने कहा कि आंकड़ों की सुरक्षा के लिए एमडीएल में कड़े मानक हैं।
मझगांव डॉक लिमिटेड :एमडीएल: ने आज कहा कि स्कॉर्पीन पनडुब्बी से संबंधित अहम जानकारियां उसकी ओर से लीक नहीं हुई हैं और वह इस मामले की जांच में नौसेना की सहायता कर रही है।
एमडीएल के प्रमुख रीयर एडमिरल राहुल शरावत टिप्पणियों के लिए उपलब्ध नहीं हो सके। फ्रांसीसी पोत निर्माता डीसीएनएस ने 23,652 करोड़ रूपये की इस परियोजना के लिए प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराई है। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, एमडीएल को अगले साल के शुरू में छह पनडुब्बियों की पहली खेप भारतीय नौसेना के सुपुर्द करनी है और शेष पनडुब्बियों की आपूर्ति साल 2020 तक किये जाने की संभावना है।
मीडिया की खबरों के अनुसार, जो ब्यौरे लीक हुए हैं वह फ्रांस में डिजाइन की गई स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों की मारक क्षमता के ब्यौरे संबंधी 22,400 पृष्ठों के हैं। मझगांव डॉक में 3.5 अरब डालर की लागत से फ्रांसीसी पोत निर्माता डीसीएनएस द्वारा निर्मित की जा रही स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की लड़ाकू क्षमता तब सार्वजनिक हो गई जब एक ऑस्ट्रेलियाई समाचारपत्र ‘द आस्ट्रेलियन’ ने जानकारी वेबसाइट पर डाल दी।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कल नौसेना प्रमुख को पूरे मामले की छानबीन करने का आदेश दिया। डीसीएनएस से भी एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। पर्रिकर ने कहा कि मुझे लगता है कि हैकिंग हुई है। इसलिए हम इस सब का पता लगाएंगे।