उत्तर प्रदेश

कश्‍मीर में राजनाथ को याद आए वाजपेई,

800x480_IMAGE57145496श्रीनगर। गुरुवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह अपने दो दिनों के कश्‍मीर दौर पर श्रीनगर में थे और इस दौरान उन्‍होंने मीडिया से भी बात की। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जहां इस बात को दुखद बताया कि कश्‍मीर में बच्‍चे हिंसा का शिकार बन रहे हैं
तो उन्‍होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का जिक्र भी किया।

मुशर्रफ से हाथ मिलाने के बाद वाजपेई ने पाक को दिया कड़ा संदेश

क्‍या कहा राजनाथ ने

पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेई ने वर्ष 2003 में कश्‍मीर में शांति के लिए जो तीन सिद्धांत बताए थे, उनका जिक्र पीएम नरेंद्र मोदी के बाद राजनाथ सिंह ने किया है।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कश्‍मीर के बिना भारत को कोई भविष्‍य नहीं है। उन्‍होंने इसके बाद पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजेपेई की कश्‍मीर नीति, ‘कश्‍मीरियत, इंसानियत और जम्‍हूरियत’ का भी जिक्र किया।

वाजपेई ने कहा था कि कश्‍मीर का भविष्‍य यहां की मूल प्रकृति यानी कश्‍मीरियत, मानवता यानी इंसानियत और लोकतंत्र यानी जम्‍हूरियत में है।

राजनाथ सिंह ने एक बार फिर से इशारा किया कि केंद्र की मादी सरकार संकट को हल करने के लिए किसी से भी बात करने को तैयार है।

नवाज ने माना कारगिल युद्ध वाजपेई के साथ विश्‍वासघात

जब कश्‍मीर की आवाम के बीच पहुंचे वाजपेई

वर्ष 2003 में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेई अपने कश्‍मीर दौरे पर गए थे। यहां उन्‍होंने एक रैली की और कश्‍मीर की जनता को विधानसभा चुनावों में बढ़-चढ़कर भागीदारी पेश करने के लिए धन्‍यवाद दिया।

उस समय वाजपेई ने जनता से कहा कि कश्‍मीर की जनता को गोलियों का जवाब वोट से देना चाहिए। उस समय ही वाजपेई ने कश्‍मीरियत, इंसानियत और जम्‍हूरियत, इन तीन सिद्धांतों के बारे में बात की।

‘दिल्‍ली के दरवाजे हमेशा कश्‍मीर के लिए खुलें’

वाजपेई ने जनता को भरोसा दिया कि दिल्‍ली के दरवाजे हमेशा उनके लिए खुले हैं। दिल्‍ली कभी कश्‍मीर के लिए अपने दरवाजे बंद नहीं करेगा। आज भी विशेषज्ञ मानते हैं कि कहीं न कहीं वर्तमान सरकार की आम जनता से संवाद की कमी संकट को बढ़ावा दे रही है।

Related Articles

Back to top button