कश्मीर में कर्फ्यू जैसे हालात, प्रतिबंधों से 63वें दिन जनजीवन प्रभावित
श्रीनगर: कश्मीर घाटी में कर्फ्यू जैसे हालात जारी हैं। श्रीनगर के पुरान शहर सहित घाटी के कई संवेदनशील इलाकों में किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं। वहीं, अलगाववादियों की ओर से आहूत हड़ताल के कारण और प्रशासनिक पाबंदियों की वजह से लगातार 63वें दिन आम जनजीवन प्रभावित है। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि घाटी में गुरुवार को कहीं भी कफ्र्यू या प्रतिबंध नहीं रहा। हालांकि उन्होंने कहा कि कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। जुलाई में हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में अशांति व्याप्त है। सूत्रों के अनुसार श्रीनगर के पुराने शहर के नौहट्टा, गोजवारा, राजौरी कदल, सफाकदल, रैनावाडी, खानयार, फतेहकदल, नवाकदल, ईदगाह और आसपास के इलाकों में सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गई और लोगों ने इन इलाकों में आरोप लगाया कि उनको घरों से बाहर आने की इजाजत नहीं दी गई।
लाल चौक, रेजिडेन्सी रोड, गनी खान मार्केट और पोलो मार्केट सहित श्रीनगर के सभी दुकानों एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। श्रीनगर में सरकारी कार्यालयों, बैंकों और सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं में काम-काज ठप्प रहा। यहां पर शैक्षणिक संस्थान भी बंद रहे। बैंकों में चेक का भुगतान न हो पाने से लोगों को समस्याएं उठानी पड़ रही हैं। उच्च सुरक्षा वाले इलाकों के बैंकों में कर्मचारियों की कमी है जो चेक स्वीकार नहीं कर रहे हैं। अलगाववादियों की कुछ दिनों के लिए हड़ताल में कुछ घंटों की ढील की घोषणा के बाद श्रीनगर में बाजार और अन्य स्थल खुलें। स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान गुरुवार को भी बंद रहे, जबकि सरकारी कार्यालयों और बैंकों में कर्मचारियों की उपस्थिति में काफी सुधार देखने को मिला।