लखनऊ। मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि हालिया लोकसभा चुनाव की लड़ाई में भले ही हम पीछे रह गए हों, लेकिन असली लड़ाई अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि समाजवादी कभी निराश नहीं होते। विगत 02 सालों में समाजवादी सरकार ने जो काम करके दिखाया है। वैसा काम किसी अन्य प्रदेश की सरकार नहीं कर सकी है। उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े मंत्री दिल्ली में बैठकर ट्वीट कर देते हैं, लेकिन ट्वीट करने से कुछ नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने रविवार को चन्दौली में कहा कि यह भी नहीं भूलना चाहिए कि एक बिगड़ी व्यवस्था हमें विरासत में मिली थी। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के सामने एक कठिन चुनौती थी। क्योंकि साम्प्रदायिकता का रास्ता आसान रास्ता होता है और सेक्युलर रास्ता मुश्किल रास्ता होता है। समाजवादी पार्टी ने मुश्किल रास्ता चुना था, क्योंकि हम लोकतांत्रिक सिद्धांतों और मूल्यों में भरोसा रखते हैं। इस कठिन लड़ाई में भी समाजवादी पार्टी को पहले से ज्यादा वोट मिले हैं। उन्होंने दावा किया कि आज भी प्रदेश में सपा की ताकत सबसे ज्यादा है और वह सबसे मजबूत पार्टी एवं संगठन है। इसलिए समाजवादी पार्टी के खिलाफ विरोध भी सबसे ज्यादा है। जो लोग भटक गए हैं, बहक गए हैं, उन्हें समझाना है और दूसरे लोगों को भी अपने साथ जोड़ना है। श्री यादव ने प्रदेश सरकार द्वारा किये विभिन्न अहम निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि शिक्षामित्रों को समायोजित करने का फैसला लिया है और इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी है। सफाई कर्मचारियों की भी मांगें पूरी कर दी गई हैं। इसके अलावा अन्य कार्य किये गये लेकिन प्रदेश सरकार के निर्णयों का एक खास तरीके से दुष्प्रचार किया जाता है। विधायक निधि से विधायकों के लिए गाड़ी खरीदने के प्रदेश सरकार के निर्णय की सब ओर बड़ी चर्चा हुई, लेकिन विधायक निधि से गरीबों को इलाज के लिए 25 लाख रुपए तक खर्च करने के समाजवादी सरकार के फैसले की कोई चर्चा नहीं हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी सरकार के पास अभी 03 साल शेष हैं और इन 03 सालों में सड़क, पुल, बिजली, शिक्षा एवं स्वास्थ्य की सुविधाओं को बढ़ाने के साथ ही समाजवादी सरकार को बहुत काम करना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। कानून व्यवस्था ठीक रहे, इसकी जिम्मेदारी जिले के डीएम एवं एसपी की है। कानून व्यवस्था के मामले में ढिलाई बरतने पर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी बख्शा नहीं जाएगा।