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पाकिस्तान की फायरिंग में घायल परी की मौत

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नई दिल्ली: डेढ़ साल की बच्ची परी भैयादूज के मौके पर अपने भाइयों को टीका लगाने जा रही थी, तभी पाकिस्तान की ओर से फायरिंग होने लगी। उसके आंगन में मोर्टार गिरने शुरू हो गए। इस फायरिंग में उसके दोनों भाई उसे हमेशा के लिए छोड़कर चले गए।

परी को भी गंभीर चोटें आईं। और आज परी भी देश को अलविदा कह गई। परी का कसूर सिर्फ इतना है कि उसका गांव पाकिस्तान की सीमा से लगा हुआ है।
अशांत माहौल के बीच पाक की तरफ से लगातार की जाने वाली फायरिंग से पिछले दो दिनों में दो बच्चों और चार महिलाओं सहित आठ नागरिकों की मौत हो गई। सीमा से लगे गांव के लोगों को हर पल डर के साये में जीना पड़ रहा है।
सांबा जिले में रंगरूर गांव में मंगलवार सुबह परी अपने भाइयों के साथ भैया दूज मनाने जा रही थी तभी अचानक पाकिस्तान की तरफ से मोर्टार दागे जाने लगे। अचानक फायरिंग से गांव वाले दहशत में आ गए। इस हमले में परी के दोनों भाईयों की जान चली गई। आज अस्पताल में परी की भी जान चली गई है।
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इसके साथ ही उसके दादाजी और बुआ भी मोर्टार हमले में अपनी जान गंवा बैठीं। परी के पिता राकेश कुमार सेना में हैं। दिवाली के अवसर पर घर आए हुए थे। उन्हें भी काफी चोटें लगीं। उन्हें नहीं पता था कि दिवाली की खुशियां उन्हें जिंदगी भर का गम दे जाएंगीं।
  जम्मू-कश्मीर के स्वास्थ्य मंत्री चौधरी लाल सिंह अस्पताल तो पहुंचे लेकिन ऑपरेशन थियेटर के पास से ही वापस चले गए। उन्होंने परी की मां से मुलाकात तक नहीं की। परिवार वालों का कहना है कि अगर उनके पास पैसे नहीं होते तो ऑपरेशन नहीं हो पाता। अब उसकी मौत से देश सदमे में है।
 

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