नोटबंदी से नक्सली हताश, लेकिन आर्इएस के लोन वुल्फ अटैक का खतरा बढ़ा- राजनाथ
राजनाथ सिंह का कहना है कि नोटबंदी से आतंकियों के साथ नक्सली गतिविधियों में शामिल लोगों की कमर टूट गई है। हैदराबाद में चल रहे तीन दिवसीय डीजीपी और आईजीपी कॉन्फ्रेंस में राजनाथ सिंह ने कहा नोटबंदी की वजह से नक्सली ग्रुप हताशा में है।
राजनाथ ने नोटबंदी के टेरर फंडिंग और नक्सलवाद को बढ़ावा देने के लिए जो फंडिंग की जा रही थी उसको लेकर इंटेलीजेंस ब्यूरो के चीफ से एक कॉन्प्रिहेंसिव रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। उन्होंने कहा पता लगाएं कि नोटबंदी से टेरर फंडिंग पर कितनी लगाम लगी है
इसके अलावा गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी कहा देश में ई-कॉमर्स का प्रमोशन लगातार हो रहा है, लेकिन इससे साइबर फ्रॉड की घटनाएं भी बढ़ सकती हैं। आपको यह जानकारी होगी कि पिछले दिनों कई बैंकों के कस्टमर्स के एटीएम कार्ड के डिटेल हैक किए गए कुछ बैंकों और बीमा कंपनियों से करोड़ों रुपए के फंड ट्रांसफर भी किए गए थे। इस बात की चिंता जताते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सुरक्षा एजेंसियों से यह अनुरोध किया है कि इन तमाम चीजों पर नजर रखी जाए।
इसी कार्यक्रम में राजनाथ सिंह आतंकी संगठन आईएस के लोन वुल्फ के खतरे को भारत के लिए बड़ी चुनौती बताया। गृहमंत्री ने आईएसआईएस की घटना को लेकर यह कहा राज्य एवं केंद्र की इंटेलीजेंस एजेंसीज के बीच में प्रभावकारी कोऑर्डिनेशन होने से आईएसआईएस से जुड़े अतिवादी युवक का देश में किसी भी आतंकवादी घटना को अंजाम अब तक नहीं दे पाए हैं। जानकारी के मुताबिक योजना बनाते 67 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गृह मंत्री ने कहा भारत में जहां एक तरफ देश में कानून व्यवस्था और सुरक्षात्मक वातावरण बनाए रखने में हमें सक्षम होना है तो वहीं दूसरी तरफ और अधिक गंभीर चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहना पड़ेगा।
आतंकवाद को समर्थन देने और हमारे देश में विध्वंसकारी गतिविधियों के प्रति पाकिस्तान के पुराने रवैया में कोई परिवर्तन दिखाई नहीं दे रहा है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा सोशल मीडिया और इंटरनेट को बहुत बड़े हथियार के रूप में कुछ लोग विध्वंसकारी गतिविधियों के लिए प्रयोग कर रहे हैं। किस प्रकार उनकी उभरती हुई परिस्थितियों में सभी इंटेलीजेंस के अधिकारियों को आगे बढ़ कर काम करने की जरूरत है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कुछ राज्यों में चुनाव होने वाले हैं और यह सुनिश्चित करना है कि सारे चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हों।