उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में एक पति ने अपनी पत्नी को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। इतना ही नहीं उसने एक शख्स का कत्ल भी किया जो कि कथित तौर उसकी पत्नी का प्रेमी था। दोनों की हत्या करने के बाद आरोपी पति थाने में पहुंचा और सरेंडर कर दिया।
दरअसल, पत्नी की बेवफाई से बौखलाए पति ने पहले पत्नी और उसके प्रेमी को चाय में नींद की गोली दी। फिर प्रेमी के साथ शराब भी पी। वे दोनों बेहोश हो गए तो गला घोंटकर उनकी हत्या के बाद इंद्रकुमार ने नैनी थाने में सरेंडर कर दिया। उसने दोहरे कत्ल की जानकारी तो पुलिस ने उसके घर जाकर दोनों शवों को सीलकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
घर में लाशों को छोड़ पहुंचा थाने
आरोपी इंद्रकुमार साहू ने घर में किराना और चाय नाश्ते की दुकान खोल रखी थी और वहीं वो पत्नी गीता साहू (32) और चार बच्चों के साथ रहता था। दोनों में अवैध संबंधों की वजह से अक्सर झगड़े हुआ करते थे। लेकिन बुधवार को उसने प्लान के तहत दोनों को मौत के घाट उतार दिया। इंद्रकुमार ने नैनी थाने जाकर पुलिसवालों से कहा कि उसने अपने घर के भीतर पत्नी गीता को उसके प्रेमी रीतेश समेत मार डाला है।
उन दोनों की लाश कमरे में ही पड़ी है। यह सुनकर पुलिसवाले सकते में रह गए। उसे लेकर पुलिस मौके पर पहुंची तो वास्तव में गीता और रीतेश मृत मिले। खबर फैली तो भीड़ लग गई। रीतेश के भी परिजन वहां आ गए। पुलिस ने दोनों शवों को सीलकर पोस्टमार्टम के लिए चीरघर भेज दिया।
पांच दिन पहले रची थी कत्ल की साजिश
इंद्रकुमार ने पुलिस को बताया कि पड़ोस में रहने वाले 23 वर्षीय रीतेश सोनी (23) पुत्र ओमप्रकाश सोनी का करीब तीन साल से उसके घर आना-जाना बना था। तब उसने ध्यान नहीं दिया मगर छह महीने पहले वह अचानक घर आया तो कमरे में पत्नी गीता को रीतेश के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया। हालात यही नहीं बदले थे प्रेम प्रसंग बढ़ता जा रहा था। वह दुकान में रहता और उसके सामने रीतेश घर के अंदर उसकी पत्नी गीता के पास चला जाता।
इस अवैध रिश्ते से बौखलाए इंद्रकुमार ने पांच दिन पहले पत्नी गीता और उसके प्रेमी रीतेश को मारने की साजिश रची। बुधवार रात वह नींद की 20 गोलियां खरीद लाया। रात नौ बजे दुकान बंद करने के बाद घर के भीतर गया तो गीता खाना बनाने की तैयारी में थी। उसका प्रेमी रीतेश भी कमरे में मौजूद था। वह टीवी देख रहा था। कत्ल के इरादे से इंद्रकुमार ने खुद चाय बनाकर रीतेश और गीता को कप में दी। उन दोनों के कप में उसने नींद की गोलियां मिला दीं।
रात भर वह दोनों की लाश के पास बैठा रहा
उस चाय को पीने के बाद बाद भी जब वे दोनों बेहोश नहीं हुए तो इंद्रकुमार शराब की बोतल खरीदकर ले आया। उसने रीतेश के साथ शराब पी। आधी रात तक वे दोनों शराब पीते रहे। इस बीच गीता सोने चली गई। रीतेश नशे में धुत हुआ तो इंद्रकुमार उसे खींचकर दुकान के पीछे वाले कमरे में ले गया। वहां गला दबाकर रीतेश की हत्या कर दी। फिर वह पत्नी गीता को भी उसे कमरे में खींच लाया। गीता ने बचने की कोशिश करते हुए विरोध किया मगर इंद्र कुमार ने दुपट्टे से गला घोंटकर उसे भी मार डाला।
रात भर वह दोनों की लाश के पास बैठा रहा। भोर में वह घर से निकला और कोतवाली पहुंचा। उसने पुलिस से कहा कि उसे कत्ल का पछतावा नहीं है क्योंकि पत्नी ने उसके साथ बेवफाई की और अब तो खुलकर धोखा देने लगी थी। उसे इस बात का अफसोस है कि उसके चारों बच्चे बेसहारा हो गए। पत्नी को उसने मार डाला और वह खुद जेल में रहेगा तो बच्चों की देखभाल कैसे हो सकेगी।