अगर सेना में भर्ती होना है तो बढ़ा लीजिए स्टेमिना, जानिए
सेना ने अब दौड़ के नियमों में आंशिक बदलाव कर दिए हैं। जिसके बाद प्रतिभागियों को दौड़ में ज्यादा दमखम झोंकना पड़ेगा। इस लिए सेना में भर्ती होना है तो स्टेमिना बढ़ा लीजिए।
देहरादून: यदि आप सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे हैं तो यह भी जान लीजिए, सेना ने अब दौड़ के नियमों में आंशिक बदलाव कर दिए हैं। जिसके बाद प्रतिभागियों को दौड़ में ज्यादा दमखम झोंकना पड़ेगा, क्योंकि अब दौड़ के लिए दिया जाने वाला वक्त कुछ कम कर दिया गया है। नए मानकों में भी पहाड़ी मूल के युवाओं के लिए छूट बरकरार रखी गई है। दौड़ का यह नियम एक अप्रैल 2017 के बाद समस्त सेना भर्ती में लागू होगा। भविष्य में भी इसे यथावत रखा जा सकता है।
सेना में भर्ती प्रक्रिया की पहली सीढ़ी 1600 मीटर की दौड़ है। जिसके लिए 400 मीटर का ट्रैक तैयार किया जाता है। मानकों के अनुरूप ही अभ्यर्थियों को जनरल ड्यूटी, ट्रेड्समैन आदि सेक्शन में रखा जाता है। दौड़ में सफल होने वालों का फिजिकल टेस्ट लिया जाता है। इसमें सफल प्रतियोगी के दस्तावेजों का परीक्षण कर मेडिकल टेस्ट और लिखित परीक्षा के बाद अंतिम परिणाम जारी किया जाता है।
यह भी सच है कि दौड़ की कसौटी पर ही अधिकतर युवा मात खाते हैं या यूं कहें कि अभ्यर्थियों का एक बड़ा प्रतिशत दौड़ में ही बाहर होता है। कई युवा तो पहले या दूसरे चक्कर में ही हांफने लगते हैं। अब सैन्य मुख्यालय ने इसे थोड़ा और टफ करते हुए सोल्जर जीडी, ट्रेड्समैन, टेक्निकल, लिपिक, स्टोर कीपर, नर्सिंग सहायक आदि की भर्ती में दौड़ के मानकों में बदलाव किया है। इसकी आधिकारिक सूचना भी वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है।
पहले दौड़ के मानक
समय————————-अंक
5 मिनट 40 सेकेंड तक——60
5.40 से 6 मिनट तक——-48
अब दौड़ के मानक
समय————————-अंक
5 मिनट 30 सेकेंड तक——60
5 मिनट 45 सेकेंड तक——48
पर्वतीय मूल के युवाओं के लिए अतिरिक्त समय
ऊंचाई—————————– छूट
पांच हजार फीट तक———–यथावत
पांच से नौ हजार फीट—-30 सेकेंड अतिरिक्त
नौ से 12 हजार फीट—–120 सेकेंड अतिरिक्त
फिजिकल टेस्ट में यूं मिलते हैं अंक
10 बीम मारने के 40 अंक, नौ के 33, आठ के 27, सात के 21 और छह बीम के 16 अंक मिलते हैं। लिखित परीक्षा के बाद जब मेरिट बनती है तो उसमें फिजिकल टेस्ट के अंक भी शामिल होते हैं।
भर्ती में दौड़ ही सबसे पहली बाधा
सेना में भर्ती होने के इच्छुक अधिकतर युवा आठ से 10 किलोमीटर दौड़ की तैयारी करते हैं। जबकि यह तरीका गलत है, उन्हें 1600 मीटर की ही तैयारी करनी चाहिए। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि आप 1600 मीटर की तैयारी करेंगे तो यह पता रहेगा कि कौन से चक्कर में पूरा दम लगाना है? शुरुआत के दो चक्कर आराम से पूरे करें। आखिरी चक्कर में पूरा दमखम लगाएं।