ओलंपिक के लिए चार साल से घर नहीं गई देबोरा
देबोरा 2020 ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का अपना सपना पूरा करना चाहती हैं।
नई दिल्ली। सुनामी से बचने वाली देबोरा हेराल्ड ने पिछले चार साल से अपने माता-पिता को नहीं देखा है और यह शीर्ष महिला साइकिलिस्ट अगले दो साल अपने घर नहीं जाएंगी, क्योंकि वह 2020 ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का अपना सपना पूरा करना चाहती हैं।देबोरो 18 फरवरी को 22 साल की हो जाएंगी। जनवरी, 2013 में वह अपने घर से यहां आ गई थीं, जब वह 17 साल की थीं और तब से यहां इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में ही हैं। आठ साल पहले वह अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में दिसंबर, 2004 में आई सुनामी से बची थी। वह पांच दिन तक पेड़ पर रहकर पत्ते और छाल खाकर जीवित रही थी।
देबोरा ने कहा, ‘मैं यहां जनवरी, 2013 में आई थी और तब से मैं घर नहीं गई हूं। मैं पिछले चार वषरें से अपने माता-पिता से नहीं मिली हूं, केवल उनसे फोन पर ही बात की है। मैं अभी उनसे नहीं मिलना चाहती हूं, शायद अगले दो तीन साल और नहीं, क्योंकि मैं 2020 ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना चाहती हूं। यही मेरा सपना है और जिंदगी का लक्ष्य है। अगर मैं पदक जीत लेती हूं तो यह बहुत अच्छा होगा, लेकिन पहले मुझे ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना होगा। अंडमान एवं निकोबार से कोई भी ओलंपिक नहीं गया है और मैं ऐसा करना चाहती हूं।’
देबोरा 2012 में उस समय चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने साइकिलिंग में राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद 2013 में एशियन चैंपियनशिप में देबोरा ने जूनियर कैटेगरी में पांच स्वर्ण पदक जीते। देबोरा ने 2014 के ट्रैक साइकिलिंग एशिया कप में तीन कैटेगरी में चार स्वर्ण पदक जीते थे। इसके बाद साल 2015 के टूर्नामेंट में देबोरा ने तीन स्वर्ण और रजत पदक जीते थे। इसी साल देबोरा ने ताइवान कप ट्रैक इंटरनेशनल क्लासिक इवेंट में एक स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदकों पर कब्जा किया था।
देबोरा ने कहा, ‘मैंने 10वीं कक्षा पास की है और अब मैंने आगे की पढ़ाई के लिए ओपन स्कूल सिस्टम में रजिस्ट्रेशन करवाया है। मैं ट्रेनिंग की वजह से मेरी पढ़ाई अंडमान और यहां जारी नहीं रख सकती। यह ओपन स्कूल मेरी ट्रेनिंग के साथ सुविधाजनक है। जीवन में सुनामी के दौरान सबसे खराब समय का सामना करना पड़ा और अब मैं किसी भी स्थिति का सामना कर सकती हूं।’
एशियन ट्रैक साइकिलिंग आज से
नई दिल्ली। देबोरा हेराल्ड 35 सदस्यीय भारतीय टीम का नेतृत्व कर रही, जो सोमवार से इंदिरा गांधी स्टेडियम में शुरू होने वाली 37वीं एशियन ट्रैक साइकिलिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगी। देबोरा इस टूर्नामेंट चार स्पर्धा में हिस्सा ले रहीं हैं, जिसमें 500 मीटर टाइम ट्रायल, व्यक्तिगत स्पि्रंट, टीम स्पि्रंट और कैरिन शामिल हैं। चैंपियनशिप में 18 एशियाई देशों के 500 साइकिलिस्ट भाग लेंगे। इनमें चीन, हांगकांग, इंडोनेशिया, ईरान, जापान, कजाखिस्तान, कोरिया, मकाउ, मलेशिया, मंगोलिया, सिंगापुर, सऊदी अरब, थाइलैंड, ताइवान, तुर्कमेनिस्तान, यूएई और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। जूनियर एशियन ट्रैक चैंपियनशिप भी इसी दौरान होगी।