आखिर कहां गुम हैं ‘नेताजी‘-सुनील सिंह
लखनऊ (ईएमएस)। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा है कि प्रदेश का प्रत्येक राजनीतिक कार्यकर्ता हर दल का कार्यकर्ता इस बात के लिए चिंतित है कि वरि… व सम्मानित राजनेता मुलायम सिंह यादव (नेताजी) लोकतंत्र के इस महान पर्व पर कहां गायब है। जिस पार्टी को नेताजी ने कुशल मार्गदर्शन से खड़ा किया, उसी पार्टी में पुत्र द्वारा स्वयं व भरत से भाई को अपमान सहना पड़ा। हर राजनीतिक कार्यकर्ता दलगत राजनीति से ऊपर उठकर जानना चाहता है कि नेताजी लोकतंत्र की चुनावी गतिविधियों से कहां गुम हो गये हैं। अपने संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में चुनाव प्रचार करने जायेंगे या नहीं।
श्री सिंह ने रविवार को यहां जारी बयान में कहा कि पिछले 50 सालों से मुलायम सिंह यादव राजनीतिक गतिविधियों की बढ़-चढ़कर अगुवाई करते रहें व संघर्ष किया, आज अपनी ही पार्टी में अचानक पुत्र और भाई की अंधी महत्वाकांक्षा में मुलायम सिंह यादव को लगातार अपमान का दंश झेलना पड़ रहा है। हास्यास्पद पहलू यह भी है कि सपा के स्टार प्रचारकों के सूची में नेताजी नंबर एक पर दर्ज हैं इसके बावजूद पुत्र और भाई ने उनकी राजनीतिक गतिविधियों को बंधक सा बना लिया है। उन्होंने कहा किपिछले 50 सालों से मुलायम सिंह यादव देश की राजनीतिक धुरी रहें हैं। ऐसे में वयोवृद्ध राजनेता पर राजनीतिक बनवास थोपना भारतीय संस्कृति का भी अपमान हैं।
नेताजी के साथ जो कुछ हुआ या हो रहा है वह भारतीय पारिवारिक मूल्यों के लिहाज से शर्मनाक है। जिस पुत्र को नेताजी ने तमाम विरोधों के बावजूद उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया उसी पुत्र ने अपने पिता को राजनीतिक दल से बेदखल कर दिया। मुलायम सिंह यादव जिन परिस्थतियों से इस समय दो चार हो रहें हैं उसे देखते हुए सवाल उठना लाजिमी है कि वह अपने संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में लोकतंत्र के पर्व पर शिरकत कर भी पायेंगे या नहीं ।