जीवनशैली

परीक्षा के दौरान नर्वस होने से बचने अपनाएं ये उपाय

(एजेंसी)| परीक्षा शब्द ही ऐसा होता है जिसकी वजह से शायद ही किसी के मन में कोई चिंता या नर्वसनेस न आई हो। परीक्षा हो या साक्षत्कार अथवा काम की शुरूआत हर किसी के मन में या चेहरे में साफतौर पर तनाव देखा जा सकता है। कुछ लोग चिंतित होने पर अपने नाखूनों को ही चबाने लगते हैं। कुछ लोगों का स्वास्थ्य भी खराब हो सकता है। अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो अक्सर डिफिकल्ट सिचुएशन में नर्वस हो जाते हैं तो हम आपके लिए लेकर आएं हैं कुछ सिंपल उपाय जो आपको नर्वसनेस से बचाने में सहायक होगा।

परीक्षा के दौरान नर्वस होने से बचने अपनाएं ये उपाय

खुद को प्रीपेयर करने के लिए टाइम लें

अक्सर आपने देखा होगा कि स्मार्ट बच्चे उस समय बिलकुल भी नर्वस नहीं होते जब टीचर क्लास में अचानक सरप्राइज टेस्ट एनाउंस कर देती हैं। ऐसा इसललिए क्योंकि वे हमेशा प्रीपेयर रहते हैं. ऐसे में आप भी समय से पहले तैयार रहें। अगर आपकी कोई बड़ी प्रजेंटेशन हैं तो शीशे के सामने खड़े होकर अपनी प्रजेंटेशन की तैयारी करें। अपने पास्टर की प्रैक्टिस करें साथ ही उन प्वॉइंट्स को याद रखें जिन्हें आपको हाइलाइट करना है। अगर आप एग्जाम के लिए नर्वस हैं तो आप सैंपल पेपर से प्रैक्टिस करें। जिन सब्जेक्ट्स में आप वीक हैं उन पर अधिक फोकस करें। टेंशन लेने के बजाय खुद को एग्जाम के लिए प्रीपेयर करें और रिजल्ट की टेंशन ना लें। किसी के साथ डेट पर जाने को लेकर नर्वस हैं तो खुद से ही सवाल करें कि आपको क्या पहनना हैं और आप किन-किन टॉपिक्स पर बात कर सकते हैं। इंटरव्यू के लिए जा रहे हैं तो पहले से ही कुछ सवालों के जवाब तैयार रखें। कुछ सवाल सोचें और आप उन सवालों का क्या और किस तरह जवाब देंगे उसके लिए प्रीपेयर रहें. कंपनी के कल्चर के बारे में रिसर्च करें। आप कंपनी के लिए कैसे बेस्ट हैं इसका जवाब भी पहले से ही प्रीपेयर करके रखें।

अपनी इमैजिनेशंस को कंट्रोल करें

जब भी आप नर्वस हों तो ऐसी कोई भी वर्स्ट सिचुएशन के बारे में ना सोचें जो आपको बिल्कुल भी पसंद ना हो। सिचुएशंस को पॉजिटिवली सोचें। आप कुछ इस तरह से इमैजिन करें कि ये वर्स्ट सिचुएशन तो बिल्कुल ही नहीं हो सकती। आप सोचें की अगर आपको सफलता नहीं भी मिली तो क्या होगा. आप असफलता से चीजों को सीखेंगे। इस तरह की बातों हमेशा ध्यान में रखना चाहिए।

अपनी ब्रीथ पर फोकस करें

नर्वसनेस दरअसल उस समय अधिक होती है जब सिचुएशन या तो पीक पर होती है या फिर स्टार्टिंग में। ऐसे में आपको अपनी ब्रीथ पर ध्यान देना चाहिए। आप धीरे-धीरे लंबी सांस भरें और धीरे-धीरे इसे बाहर छोड़ें। ब्रीथ रोकें नहीं बल्कि गहरी सांस लें और गहरी सांस छोड़ें। इससे माइंड थोड़ा रिलैक्स होगा और बॉडी शांत होगी। खुद को सहज बनाए रखना चाहिए। ये शायद आपको सही ना लगे लेकिन आप खुद को सहज रखेंगे तो कोई भी गड़बड़ करने से बचेंगे। अपने आपको कंफर्टेबल रखें। ध्यान रहे कि आपके हाथ-पैरों से नर्वसनेस दिखनी नहीं चाहिए। नियमित व्यायाम करना चाहिए। आप रोजमर्रा में एक्सरसाइज और वर्कआउट जारी रखें. इससे भी आपको नर्वसनेस कम करने में सहायता मिलेगी।

Related Articles

Back to top button