अद्धयात्म

चाहे जहां न रखे भगवान की मूर्तियां

कुछ मूर्तियां ऐसी होती है जो मेले आदि में तो मिलती ही है वहीं सुंदर दिखने के कारण बच्चों की जीद से हम ऐसी मूर्तियों को खरीद लेते है। मूर्तियां खरीदी जाए, वहां तक तो ठीक है लेकिन होता यह है कि हम मूर्तियों को लाकर घर में चाहे-जहां रख देते है। ऐसा करना शास्त्रोक्त रूप से ठीक नहीं माना जाता है, लिहाजा मूर्तियों को लाकर चाहे जहां न रखा जाए।

चाहे जहां न रखे भगवान की मूर्तियां

मेले आदि के साथ ही बाजारों में राधा कृष्ण, राम लक्ष्मण सीता, गणेशजी आदि की मिट्टी या प्लास्टर आॅफ पेरिस से बनी मूर्तियां बेची जाती है तथा आकर्षक होने के कारण खरीद लेते है। अक्सर होता यह है कि इन मूर्तियों को ऐसे स्थान पर रख दिया जाता है, जो शुद्ध नहीं माना जाता है। जैसे कमरे में अटैच बाथरूम की छत के किनारे रखने में भी गुरेज नहीं होता है तो किसी अलमारी के उपर भी रख दिया जाता है। ऐसी स्थिति से बचने की जरूरत है, क्योंकि ऐसे में देवी देवता का अपमान माना जाता है।

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