नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक सम्पन्न, वित्त वर्ष बदलने सहित कई विषयों पर हुई चर्चा
नई दिल्ली : रविवार को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक सम्पन्न हुई जिसमें वर्तमान वित्तीय वर्ष को बदलने के साथ अन्य विषयों पर चर्चा हुई. राष्ट्रपति भवन में गवर्निंग काउंसिल की तीसरी बैठक में 27 राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए. लेकिन अरविन्द केजरीवाल और ममता बनर्जी इस बैठक में नहीं आए.
बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष बदलने को लेकर कई सुझाव आए हैं. उन्होंने राज्यों से वित्त वर्ष को जनवरी से दिसंबर करने के बारे में पहल करने को कहा. बता दें कि शंकर आचार्य की अगुवाई में बनी एक समिति वित्त वर्ष बदलने को लेकर पहले ही अपनी रिपोर्ट सरकार को दे चुकी है.फ़िलहाल भारत में अप्रैल से मार्च का वित्तीय वर्ष होता है, जबकि दुनिया भर में जनवरी से दिसंबर के वित्त वर्ष को अपनाया जाता है.
इस मौके पर नीति आयोग के चेयरमेन और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लंबे समय तक देश आर्थिक और राजनीतिक कुप्रबंधन का शिकार रहा, जिससे कई अच्छी योजनाओं का भी उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं मिल पाया. गुड गवर्नेंस से संसाधनों का अधिकतम इस्तेमाल होता है और कम संसाधनों की जरूरत होती है.पीएम मोदी ने राज्यों से गवर्नेंस मसलों पर भी गंभीरता से विचार करने को कहा, जिनके चलते विकास तेज करने में दिक्कत हो रही है. इसके साथ उन्होंने पूंजीगत व्यय बढ़ाने और अधोसंरचना तैयार करने पर जोर दिया, जिससे आर्थिक विकास तेज किया जा सके.
इस अहम बैठक में गैर-बीजेपी शासित राज्यों में पंजाब के कैप्टन अमरिंदर सिंह, बिहार के नीतीश कुमार, त्रिपुरा के माणिक सरकार और कर्नाटक के सिद्धारमैया भी शामिल हुए. लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बैठक में नहीं आए. केजरीवाल के बदले उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बैठक में शामिल हुए.