नई दिल्ली: देश की राजनीति में राष्ट्रपति पद के चुनाव की हलचल तेज हो गई है। दरअसल विपक्ष की प्रत्याशी मीरा कुमार द्वारा नाॅमिनेशन फाईल किया जाएगा। एनडीए के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद द्वारा बुधवार को अपना आखिरी नाॅमिनेशन पत्र दायर किया जाएगा। इधर मीरा कुमार आज सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे अपना नामांकन दाखिल करने पहुंचेंगी और इसके बाद वे प्रचार प्रसार का कार्य 30 जून से प्रारंभ करेंगी। गौरतलब है कि उन्होंने साबरमती आश्रम से अपना प्रचार अभियान प्रारंभ करने की बात कही है।
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गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद ने संसद भवन में 23 जून को नामांकन पत्र दाखिल किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्षता अमित शाह, मुरली मनोहर जोशी और सुषमा स्वराज कोविंद के नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान मौजूद थे। गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव में इस बार भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन की ओर से दलित नेता के तौर पर रामनाथ कोविंद को प्रत्याशी बनाया गया है जबकि कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्ष की ओर से मीरा कुमार को प्रत्याशी बनाया गया है जो कि स्वयं दलित हैं। दोनों को ही प्रशासनिक सेवा का अनुभव है साथ ही कोविंद पूर्व राज्यपाल हैं तो मीरा कुमार लोकसभा की पूर्व स्पीकर हैं।
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गौरतलब है कि चुनाव का मतदान 17 जुलाई को होना है जबकि वोटों की गिनती 20 जुलाई को होगी। मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को 28 लोगों ने नॉमिनेशन दाखिल किए इनमें से सात के नाॅमिनेशन खारिज कर दिए गए। इस तरह अब तक कुल 47 कैंडिडेट्स ने नॉमिनेशन दाखिल किए हैं। नॉमिनेशन दाखिल करने की आखिरी तारीख 28 जून और 29 जून को इनकी जांच होगी जबकि 17 जुलाई को वोटिंग होनी है। राष्ट्रपति चुनाव में 4120 एमएलए और 776 सांसद अपनी वोटिंग देंगे। जिन 20 विधायकों पर लाभ के पद का मामला चल रहा है वे भी वोटिंग कर सकेंगे।
हालांकि राज्यसभा के मनोनित 12 सांसद वोटिंग नहीं कर पाऐंगे। साथ ही इंग्लो इंडियन कम्युनिटी के मनोनित सदस्य भी लोकसभा की ओर से वोटिंग नहीं कर पाऐंगे। गौरतलब है कि अभी राज्यसभा की 10 सीटों पर कोई भी सदस्य काबिज नहीं है। राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए प्रत्याशी को 549442 वोटों की जरूरत होगी। अब तक के राष्ट्रपतियों में डाॅ. राजेंद्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे उनका कार्यकाल 26 जनवरी 1950 से 12 मई 1962 तक था तो सर्वपल्ली राधाकृष्णन का कार्यकाल 1962 में 13 मई से 1967 में 13 मई तक था। जाकिर हुसैन का कार्यकाल 13 मई 1967 से 3 मई 1969 तक था। वराह वेंकट गिरी का कार्यकाल 24 अगस्त 1969 से 11 फरवरी 1977 तक था।
नीलम संजीव रेड्डी का कार्यकाल 25 जुलाई 1977 से 25 जुलाई 1982 तक था। झानी जैल सिंह का कार्यकाल 25 जुलाई में 1982 से 25 जुलाई 1987 तक था। रामास्वामी वेंकटरमण का कार्यकाल 25 जुलाई 1987 से 25 जुलाई 1992 तक था। इसके बाद राजनीति में मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाले डाॅ. शंकरदयाल शर्मा ने 25 जुलाई 1992 से 25 जुलाई 1997 तक राष्ट्रपति पद को सुशोभित किया। कोचेरी रमण नारायणन का कार्यकाल 25 जुलाई 1997 से 25 जुलाई 2002 तक था। इसके बाद मिसाईलमैन राष्ट्रपति एपीजे कलाम का कार्यकाल 25 जुलाई वर्ष 2002 से 25 जुलाई 2007 तक था। भारत को प्रथम महिला राष्ट्रपति के तौर पर प्रतिभा देवी सिंह पाटिल का नाम मिला।
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उन्होंने राष्ट्रपति पद पर अपना कार्यकाल 25 जुलाई 2012 से 25 जुलाई 2017 तक पूर्ण किया। इसके बाद कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रणब मुखर्जी ने 25 जुलाई 2012 में राष्ट्रपति पद की कमान संभाली जो कि 25 जुलाई 2017 तक राष्ट्रपति रहेंगे। वे मौजूदा राष्ट्रपति हैं। गौरतलब है कि देश में उत्तरप्रदेश से 9 प्रधानमंत्री बने हैं जिनमें प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, चैधरी चरण सिंह, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चंद्रशेखर, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हैं। पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हैं साथ ही वे वर्तमान समय में वाराणसी से सांसद हैं।