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हिंदुस्तान में भी है यरुशलम जैसा एक शहर, जिसके मुरीद हैं मोदी

क्या आप जानते हैं कि हिंदुस्तान में भी इस्राइल की राजधानी यरुशलम जैसा एक शहर है जिसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधा नाता है। ये शहर है पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी।  दोनों प्राचीनतम, दोनों पवित्र और पूज्यनीय। इस्राइल की राजधानी यरुशलम और अपनी काशी में यही खास नाता है।  आगे की स्लाइड्स में जानिए.. 

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प्रधानमंत्री मोदी इनमें से एक की यात्रा पर हैं तो दूसरे से सांसद हैं। इसलिए माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री वहां से कुछ अपनी काशी के लिए ‘तोहफा’ लाएंगे, भले यरुशलम के ‘विकास की तस्वीर’ क्यों न हो। यही सोचकर प्रधानमंत्री की इस यात्रा के बीच राज्यसभा सांसद स्वप्नदास गुप्ता ने सलाह दी है कि यरुशलम के अनुभव का इस्तेमाल वाराणसी के विकास में किया जाना चाहिए।  

सांसद स्वप्नदास गुप्ता ने ट्वीट कर कहा कि पुराने यरुशलम शहर का नागरिक सुविधाओं का प्रबंधन आदर्श है। खास यह कि प्राचीनता के कारण वहां काशी जैसी दुरूहताओं के बावजूद इसे बखूबी अंजाम दिया गया है। इसे वाराणसी में भी अपनाया जा सकता है। वाराणसी और यरुशलम दोनों ही शहरों में कई ऐसी खासियतें हैं जिससे पूरी दुनिया के लोग यहां खिंचे चले आते हैं। 

विश्व में तीन सबसे पवित्र शहर माने जाते हैं- पहला वाराणसी, दूसरा यरुशलम और तीसरा मक्का। प्रतिष्ठित अमेरिकी पत्रिका टाइम ने भी जीवन में एक बार जरूर जाने वाले शहरों की सूची में बनारस और यरुशलम को शामिल किया था। यरुशलम यहूदी, मुस्लिम और ईसाईयों के लिए सबसे पवित्र शहरों में शुमार किया जाता है। 

यहूदियों के लिए तो यह देवभूमि है। ईसाईयों का मानना है कि यहां यीशू मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था वहीं मुसलमानों का मानना है कि पैगंबर मोहम्मद साहब ने यरुशलम की यात्रा की थी। मक्का और मदीना के बाद यरुशलम  मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र शहर है।  उधर, बनारस हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र शहर है। 

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हिंदू मान्यता है कि अनंत काल से ही काशी का अस्तित्व इस धरती पर है। वहीं, बनारस बौद्धों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। यहां भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के बाद पहली बार उपदेश दिया था। 

5000 से 6000 साल पुरानी सभ्यता
आईआईटी खड़गपुर के शोध के मुताबिक काशी का अस्तित्व सिंधु घाटी की सभ्यता के समय से ही रहा है। यहां करीब छह हजार साल से इंसान का वास है। 
आबादी : लगभग 12 लाख
70 फीसदी हिंदू, 28 फीसदी मुसलिम और .34 फीसदी ईसाई, .04 बौद्ध  यरुशलम
यरुशलम एक समय में बेतरतीब बसा यह शहर आज एक विशाल महानगर है। इसका अस्तित्व पांच हजार साल से अधिक का पुराना है। 
आबादी: लगभग 8 लाख 
62 फीसदी यहूदी, 35 फीसदी मुसलिम और दो फीसदी ईसाई हैं। 

प्रतिष्ठित अमेरिकी पत्रिका टाइम ने भी जीवन में एक बार जरुर जाने वाले शहरों की सूची में बनारस और यरुशलम  को शामिल किया था। यरुशलम यहूदी, मुस्लिम और ईसाईयों के लिए सबसे पवित्र शहरों में शुमार किया जाता है।काशी और यरुशलम  दोनों ही दुनिया के प्राचीनतम शहर हैं। 

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